तो अफगानिस्तान में चीन की दिलचस्पी की यह है वजह, रिपोर्ट में हैरान करने वाला खुलासा – Hindustan हिंदी

अफगानिस्तान में चीन का तालिबान प्रेम किसी से छिपा नहीं है। चीन आखिरकार अफगानिस्तान में क्यों दिलचस्पी ले रहा है, उसकी वजह अब सामने आने लगी है। अमेरिकी सांसद के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन दुर्लभ अर्थ मिनरल्स के खनन के लिए अफगानिस्तान जाने को तैयार है।

स्पुतनिक ने मंगलवार को यूएस हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी माइकल मैककॉल पर रैंकिंग रिपब्लिकन के हवाले से कहा “चीन आगे बढ़ रहा होगा। (अफगानिस्तान) में दुदुर्लभ अर्थ मिनरल्स हैं। मुझे नहीं पता कि हमने इसे विकसित करने के लिए अफगानों के साथ काम क्यों नहीं किया, लेकिन हमने कभी नहीं किया। और अब, चीन होगा इन दुर्लभ पृथ्वी खनिजों के खनन के लिए जा रहा है।”

उन्होंने कहा “नतीजा ये है कि, चीन जीतने वाला है और संयुक्त राज्य अमेरिका अफगानियों की तरह हारने वाला है। तालिबान को इससे बहुत बड़ा लाभ होगा जिसे कि वे आतंकवादी वित्तपोषण में डाल देंगे।”

गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर 20 साल के बाद एक बार फिर तालिबान का कब्जा हो गया है। उसने देश के राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया है। टोलो न्यूज के मुताबिक, यहां सत्ता हस्तांतरण की प्रकिया भी पूरी हो गई है। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान को सत्ता सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक, नई अंतरिम सरकार के अंतरिम प्रमुख के रूप में अली अहमद जलाली का नाम सबसे आगे चल रहा है। राष्ट्रपति गनी ने देश छोड़ दिया है। 

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