पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लाहौर क़िले में पहले सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह की नौ फीट ऊँची कांस्य प्रतिमा को मंगलवार को तोड़ दिया गया.
वायरल वीडियो में एक शख़्स को नारे लगाते हुए मूर्ति को तोड़ते हुए देखा जा सकता है. बताया जा रहा है कि यह शख़्स प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) का एक कार्यकर्ता है.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून नामक अख़बार ने बताया है कि टीएलपी के उस कार्यकर्ता को पंजाब पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. लाहौर क़िले के प्रशासन ने कहा है कि अभियुक्त के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी.
उधर, इस घटना के सामने आने पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ”हमने आज लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़े जाने की परेशान करने वाली ख़बरें देखी. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की सांस्कृतिक विरासत पर हो रहे ऐसे हमले वहाँ के समाज में बढ़ती असहिष्णुता और अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति सम्मान की कमी को ज़ाहिर करते हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ हिंसा की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं. इसके तहत उनके पूजा स्थलों, उनकी सांस्कृतिक विरासतों और उनकी निजी संपत्ति पर भी होने वाले हमले ख़तरनाक तरीक़े से बढ़ रहे हैं.
अरिंदम बागची ने कहा कि पाकिस्तान ऐसे हमलों को रोकने में पूरी तरह विफल रहा है. इससे वहाँ अल्पसंख्यकों के मन में अपनी आस्था को लेकर भय का माहौल बना हुआ है. उन्होंने पाकिस्तान से वहाँ के अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए प्रयास करने की अपील की है.
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
इसके बाद इस मामले पर पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने एक ट्वीट किया और कहा कि ”इस तरह के अनपढ़ वास्तव में पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि के लिए ख़तरनाक हैं.”
वहीं राजनीतिक मामलों पर प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक डॉ. शाहबाज गिल ने कहा कि अभियुक्त पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह बीमार सोच के लक्षण हैं.
इस मूर्ति का अनावरण जून 2019 में किया गया था और तब से इसे तीसरी बार तोड़ा गया है. यह प्रतिमा कांसे से बनी और नौ फुट ऊँची है. इसमें सिख सम्राट महाराजा रणजीत सिंह को सिख पोशाक में हाथ में तलवार लिए घोड़े पर बैठे हुए दिखाया गया है.
पिछले साल भी इस प्रतिमा को निशाना बनाया गया था और इसकी बाँह तोड़ दी गई थी. वहीं अगस्त 2019 में भी दो युवकों ने इसे क्षतिग्रस्त कर दिया था.
मालूम हो कि महाराजा रणजीत सिंह सिख साम्राज्य के संस्थापक थे. इन्होंने 19वीं शताब्दी के शुरू में भारतीय उपमहाद्वीप पर शासन किया था. उनका शासन अफ़ग़ानिस्तान से दिल्ली की सीमा तक फैला हुआ था.