ममता बनर्जी ही नहीं अमित शाह, योगी और मायावती पर भी चुनाव आयोग ने लगाई थी रोक, जानें तब क्या था मामला – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • चुनाव आयोग की ओर से ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी गई है
  • 2019 लोकसभा चुनाव में मायावती पर 48 और योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे की लगी थी रोक
  • चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ टीएमसी में गुस्सा, ममता बनर्जी आज कोलकाता में देंगी धरना

नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल चुनाव के बीच चुनाव आयोग की ओर से ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी गई है। इलेक्शन कमीशन ने सोमवार शाम को इसकी घोषणा की। यह रोक सोमवार रात 8 बजे से शुरू है। चुनाव आयोग के इस फैसले से नाराज ममता बनर्जी आज कोलकाता में धरना देंगी। चुनाव आयोग की ओर नेताओं के चुनाव प्रचार पर रोक लगाने का कोई पहला मामला नहीं है। पिछले लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग की ओर से कई नेताओं के प्रचार पर रोक लगा दी थी।

चुनाव आयोग की ओर से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के चुनाव प्रचार पर रोक लगी तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती को भी चुनावी सभा पर रोक लगाई गई। किसी पर 48 घंटे तो किसी पर 72 घंटे की रोक लगाई गई। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसे कई मौकों पर चुनाव आयोग की ओर से ऐसे फैसले लिए गए। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अमित शाह के चुनाव प्रचार पर रोक लगी थी।

मायावती पर 48 घंटे और योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे की रोक
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग की ओर से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे और बसपा सुप्रीमो मायावती पर 48 घंटे तक चुनाव प्रचार पर रोक लगी थी। चुनाव आयोग ने भाषणों में आचार संहिता के उल्लंघन के लिए यह कार्रवाई की थी। मायावती ने सहारनपुर की एक रैली में मुसलमानों से एसपी- बीएसपी-आरएलडी गठबंधन के पक्ष में वोट करने के लिए कहा था।

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वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेरठ में अली और बजरंगबली वाला बयान दिया था। इस बयान को लेकर सियासी गलियारों में खूब हंगामा मचा। इसके साथ ही गाजियाबाद की रैली में योगी आदित्यनाथ ने इंडियन आर्मी को मोदी की सेना कहा था। इस पर भी चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी।

अमित शाह के प्रचार पर लगी थी रोक

2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने अमित शाह के उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी थी। अमित शाह उस वक्त उत्तर प्रदेश में भाजपा के प्रभारी थे। चुनाव आयोग ने अमित शाह के ‘बदला लेने वाले’ बयान के बाद रोक लगाई गई थी। चुनाव आयोग की ओर से उन पर उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव प्रचार पर रोक लगाई थी। अमित शाह के जनसभाएं करने, रैलियां निकालने और रोड शो पर रोक लगी थी।

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हालांकि बाद में चुनाव आयोग ने प्रचार पर लगाई रोक हटा ली थी। इसके अलावा सपा नेता और तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आजम खान के चुनाव प्रचार पर भी रोक लगा दी थी।

वह कई सांप्रदायिक टिप्पणी करता है और हिंदू-मुस्लिम के बीच झगड़ा करवाता है। वह भाजपा का प्रचारक है, साथी है। माकपा और भाजपा के साथी भाजपा से पैसे लेकर अल्पसंख्यकों के मत बांटने के लिए घूम रहे हैं। उन्हें ऐसा न करने दें। ध्यान रखें कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो बहुत बड़े खतरे में होंगे।
ममता बनर्जी


चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ ममता

ममता बनर्जी ने मुसलमानों को लेकर उपरोक्त बयान दिए थे जिसके बाद चुनाव आयोग की ओर से यह रोक लगाई गई है। चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए पाबंदी लगाए जाने के निर्वाचन आयोग के फैसले पर ममता बनर्जी आज कोलकाता में धरने पर बैठने वाली हैं। वहीं इससे पहले ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग के नोटिस पर कहा था कि उन लोगों के खिलाफ कितनी शिकायतें दर्ज की गईं जिन्होंने नंदीग्राम के मुसलमानों को पाकिस्तानी कहा था? वे मेरे खिलाफ कुछ नहीं कर सकते। मैं हिंदुओं, मुसलमानों, सिखों, ईसाईयों और आदिवासियों के भी साथ हूं।

योगी आदित्यनाथ और अमित शाह


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