Netaji Subhash Chandra Bose:”पक्के हिंदू थे मेरे पिता सुभाष चंद्र बोस”, जर्मनी में रहने वाली बेटी ने कहा- सभी धर्मों का करते थे सम्मान – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • बेटी अनीता ने जर्मनी से वीडियो संदेश में पिता से जुड़ी बाते शेयर कीं
  • कहा- मुझे उम्मीद है कि हम सभी उनके विचारों और आदर्शों से प्रेरणा ले सकते हैं
  • नेताजी बोस की जयंती पर कोलकाता पहुंचे थे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

कोलकाता
महान स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जर्मनी में रहने वाली बेटी अनीता बोस फाफ ने अपने पिता के बारे में कई बातें शेयर की हैं। देश में नेताजी सुभाष चंद्र की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर नेताजी की बेटी ने म्यूनिख में भारतीय वाणिज्य दूतावास के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट वीडियो संदेश में कहा कि मेरे पिता पक्के हिंदू थे लेकिन वह अन्य धर्मों का भी बराबर सम्मान करते थे। उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने अपने अनुयायियों को प्रेरित किया। इसमें इंडियन नेशनल आर्मी के सदस्य, उनके दोस्त शामिल थे। जर्मनी में अर्थशास्त्री अनीता ने कहा कि उनके पिता विचारशील होने के साथ ही काम करने में विश्वास रखते थे।

देश आधुनिक होने के साथ दुनिया में सबसे आगे हो
अनीत ने कहा कि नेताजी चाहते थे कि भारत आधुनिक होने के साथ ही विश्व में सबसे आगे हो। देश की जड़ें धार्मिक परंपराओं, दर्शन और इतिहास के मामले में भी उतनी ही मजबूत हों। बेटी ने बताया कि उनके पिता ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कई गंभीर चुनौतियों का साहसिक तरीके से सामना किया। उन्होंने कहा कि मेरे पिता अपने देश से बहुत प्यार करते थे। वह देश के लिए बड़े से बड़ा त्याग करने के लिए तैयार रहते थे।

पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगी नेताजी की जयंती
पीएम मोदी नेताजी बोस की जयंती पर कोलकाता पहुंचे थे। पीएम मोदी ने कहा कि देश ने नेताजी के अदम्य साहस और राष्ट्र की निःस्वार्थ सेवा को सम्मान देने और याद करने के क्रम में नेताजी की जयंती 23 जनवरी को हर साल ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि नेताजी भारत की ताकत और प्रेरणा के प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने नेताजी की याद में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया।

पीएम की अध्यक्षता में समिति गठित
सरकार ने पिछले दिनों नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को ”पराक्रम दिवस” के तौर पर मनाने का निर्णय किया था। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 85 सदस्यीय एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो साल भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी।

Netaji Subhash Chandra Bose:”पक्के हिंदू थे मेरे पिता सुभाष चंद्र बोस”, जर्मनी में रहने वाली बेटी ने कहा- सभी धर्मों का करते थे सम्मान

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