सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह के वकील विकास सिंह ने सुशांत के दोस्त और फ्लैट-मेट रहे सिद्धार्थ पिठानी पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने इस मामले में पिठानी को बेहद संदिग्ध और इंटेलिजेंट क्रिमिनल बताया है। सिंह की मानें तो पिठानी पटना में रिया चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के पहले तक अभिनेता के परिवार के संपर्क में थे और उनकी मदद करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन जैसे ही एफआईआर हुई, वे रिया की मदद करने लगे।
न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक, विकास ने कहा, “एफआईआर दर्ज होने के बाद उसका (पिठानी) व्यवहार, उसका रिया को मेल करना, जो कि नामजद आरोपी है। इस मामले में एक नामजद आरोपी की मदद करना यह दिखाता है कि दोनों के बीच कोई कॉम्पिलिसिटी है। हिरासत में लेकर पूछताछ होने के बाद असली सच्चाई सामने आएगी।”
सुशांत के गले पर खुदकुशी जैसा निशान नहीं : विकास सिंह
इससे पहले बुधवार को एबीपी न्यूज से बातचीत में विकास सिंह ने सुशांत की मौत को हत्या बताया था। उन्होंने कहा था कि जब किसी ने सुशांत को फंदे पर लटका नहीं देखा तो यह यकीन कैसे कर लिया जाए कि उन्होंने खुदकुशी की। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि सुशांत के गले पर जो निशान मिला है, वह किसी कपड़े का नहीं लगता। बल्कि वह बेल्ट जैसा निशान है। सिंह ने पूरे मामले में सिद्धार्थ पिठानी की भूमिका संदिग्ध बताई और कई सवाल उठाए:-
- सिंह की मानें तो क्राइम सीन से छेड़छाड़ की गई है। आखिर क्या वजह है कि किसी ने भी सुशांत को फंदे से लटका हुआ नहीं देखा? उनके मुताबिक, सुशांत की जितनी भी फोटो सामने आई हैं, सभी में उनका शव बिस्तर पर पड़ा हुआ है।
- सिंह का दूसरा सवाल है कि सिद्धार्थ पिठानी ने चाबी वाले को बुलवाया था। उन्होंने लॉक खुलवाया और पहले चाबी वाले को दरवाजे तक छुड़वाया। इसके बाद उन्होंने सुशांत के कमरे का दरवाजा खोला। आखिर क्या वजह थी कि उन्होंने चाबी वाले को पहले वहां से भेजना जरूरी समझा, जबकि लॉक खुलते ही सबसे पहले उन्हें सुशांत के कमरे में जाकर उनकी हालत देखनी चाहिए थी।
- विकास सिंह ने यह सवाल भी उठाया कि अगर सिद्धार्थ पिठानी ने शव को फंदे से उतारा तो उन्होंने सुशांत की बहन मीतू के आने का इंतजार क्यों नहीं किया, जो कि उनसे 10 मिनट की दूरी पर ही रहती थीं। जबकि उनका दावा है कि जब सुशांत को फंदे से उतारा गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। ऐसे में 5-10 मिनट का इंतजार किया जा सकता था।
14 जून को घर में चार लोग मौजूद थे
14 जून को सुशांत का शव बांद्रा के जिस फ्लैट में लटका मिला था, उसमें उस वक्त चार लोग थे। सिद्धार्थ पिठानी (सुशांत के फ्लैट-मेट), दीपेश सावंत (सुशांत के दोस्त), नीरज सिंह (हाउस कीपर), केशव (कुक)। नीरज ने एक बातचीत में सुशांत की मौत से पहले की कहानी सुनाई थी। उन्होंने बताया था कि सुशांत ने सुबह नाश्ता किया था। लेकिन जब 10-10:30 बजे स्टाफ उनसे यह पूछने गया कि लंच में क्या बनाना है तो उन्होंने दरवाजा नहीं खोला।
करीब एक घंटे बाद सिद्धार्थ को कुछ गड़बड़ होने का संदेह हुआ और उन्होंने मीतू को फोन कर दिया और चाबी वाले को बुलाकर लॉक खुलवाया। बताया जा रहा है कि कमरे में सबसे पहले सिद्धार्थ ही गए थे और सुशांत को पंखे से लटका देख घबरा गए थे। फिर उन्होंने सुशांत को पंखे से नीचे उतारा था। इसके बाद सुशांत की बहन मीतू भी आ गईं और मुंबई पुलिस ने आकर जांच शुरू कर दी। मुंबई पुलिस भी यह बयान दे चुकी है कि उन्होंने भी सुशांत को फंदे से लटका नहीं देखा था।
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Source: DainikBhaskar.com