दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग़ में धारा 144 लगा दी है. यहां अब पांच से अधिक लोगों के जुटने पर रोक है.
हिंदू सेना ने एक मार्च को शाहीन बाग़ पहुंचकर प्रदर्शन ख़त्म करवाने का ऐलान किया था.
हालांकि कल ही हिंदू सेना ने अपनी घोषणा को वापस ले लिया था.
इसी के मद्देनज़र दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग़ और आसपास के इलाक़े में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं.
हालांकि नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ धरना अभी चल रहा है.
इसी सप्ताह उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाक़ों में भड़के दंगों में 42 लोंगों की मौत हो गई थी और ढाई सौ से अधिक घायल थे.
कोलकाता दौरे पर अमित शाह
गृहमंत्री अमित शाह नागरिकता संशोधन क़ानून पारित होने के बाद पहली बार कोलकाता पहुंचे हैं. अमित शाह ने सीएए के समर्थन में रैली को संबोधित भी किया. अमित शाह ने कहा, ‘हमें पांच साल दीजिए, हम बंगाल को सोनार बांग्ला बना देंगे.’
उन्होंने कहा, ‘आप ममता दीदी से कहिए, अब हम अन्याय सहन नहीं करेंगे.’
शाह ने कहा, “आपने मोदी जी को ताक़त दी, कुछ ही महीनों में आसमान को छूने वाला भव्य राम मंदिर अयोध्या में बनने वाला.”
“शरणार्थियों को नागरिकता नहीं मिलती थी, जब ममता विपक्ष में थी तो ख़ुद ये मुद्दा उठाया था, संसद नहीं चलने दी थी. और अब जब मोदी जी सीएए लेकर आए हैं तो कांग्रेस, कम्यूनिस्ट, ममता सब विरोध में उतर आएं हैं.”
“इस देश में वो माइनॉरिटी को डराते हैं, मुसलमानों को डराते हैं कि उनकी नागरिकता चली जाएगी. मैं कोलकाता की ज़मीन से ये कहने आया हूं कि सीएए से आपमें से किसी की नागरिकता जाने वाली नहीं है. सीएए नागरिकता देने का क़ानून है, नागरिकता लेने का क़ानून नहीं है.”
शाह ने कहा, “ममता को घुसपैठिये ही अपने क्यों लगते हैं? हम शरणार्थियों को नागरिकता और सम्मान देकर रहेंगे.”
उन्होंने कहा, “आप कितना भी विरोध कर लो, हम हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, सिख, ईसाई शरणार्थियों को नागिरकता देने जा रहे हैं, आप हमें रोक नहीं सकती हो ममता दीदी. ये कितना भी विरोध कर लें, हम नागरिकता देकर रहेंगे.”
“हम शरणार्थियों को गले भी लगाएंगे, नागरिक भी बनाएंगे और सम्मान भी देंगे.”
देश विरोधी पोस्टर पर केरल में केस
केरल के एक कॉलेज की दीवार पर लगे पोस्टरों में कहा गया भारत मेरा देश नहीं है. इन पोस्टरों के सामने आने के बाद केरल पुलिस ने मुक़दमा दर्ज किया है. ये पोस्टर पलक्कड के मालमफ़ूज़ा में आईटीआई कॉलेज की दीवार पर लगाए गए थे.
कथित तौर पर ये पोस्टर स्टूडेंट्स फ़ेडेरेशन ऑफ़ इंडिया ने लगाए हैं. हालांकि एसएफ़आई ने अपने आप को इससे अलग कर लिया है. एसएफ़आई के सचिन देव ने समाचार एजेंसी एएनआी से कहा, “एसएफ़आई लोकतांत्रिक विरोध में यक़ीन करती है. इस तरह के पोस्टर एसएफ़आई के विचार के ख़िलाफ़ हैं.”
कॉलेज की दीवार पर लगाए गए मलयामल में लिखे पोस्टर में कहा गया है, “ये भारत मेरा देश नहीं है. ये बदमाश मेरे भाई या बहन नहीं है. मैं ऐसे देश को प्यार नहीं करता, ना ही मैं ऐसे देश पर गर्व करता हूं. मुझे ऐसे माहौल में भारत में रहते हुए शर्म आती है.”
स्थानीय पुलिस ने इन पोस्टरों के संबंध में मुक़दमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.
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