रामायण के ‘राम’ को राजनीति में क्यों आना पड़ा:अरुण गोविल बोले- मैंने भाजपा से टिकट नहीं मांगा, उन्होंने खुद दिया

रामायण सीरियल के ‘राम’ राजनीति में आ चुके हैं। भाजपा ने अरुण गोविल को मेरठ से प्रत्याशी बनाया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के वक्त वह अयोध्या की सड़कों पर चले। चर्चा तेजी से होने लगी थी कि वह चुनाव लड़ सकते हैं। सियासी कर्मभूमि मेरठ बनी। अरुण कहते हैं, “मैंने भाजपा से टिकट नहीं मांगा। हां, उन्होंने पूछा जरूर था।” अरुण मानते हैं कि राजनीति में आने के बाद आदर और बढ़ा है। कहा- रामराज्य तो बनना ही चाहिए। मगर हिंदू राष्ट्र ये टॉप लेवल का डिसीजन होगा। पढ़िए पूरा इंटरव्यू सवाल : आप रामायण में राम बने थे, अब राजनीति में अरुण गोविल हैं, नए कैरेक्टर में खुद को एडजेस्ट कर पा रहे हैं?
जवाब : दोनों ही अलग हैं। मेरी छवि वही है, इसमें कुछ भी एडजेस्ट नहीं होता। बतौर राम लोग मुझे आदर देते हैं, लेकिन चुनाव में आने के बाद ये आदर और ज्यादा बढ़ गया है। ये पॉजिटिव साइन है। नए कैरेक्टर की बात नहीं हैं। आप 37 साल पुरानी बात कर रहे हैं। बहुत अच्छी बात है कि मुझे लोग राम के नाम से जानते हैं। सवाल : आपने खुद भाजपा से टिकट मांगा या भाजपा ने आपको टिकट दिया?
जवाब : मैंने भाजपा से टिकट नहीं मांगा था। ये सही है कि उन्होंने मुझसे पूछा जरूर था। तब मैंने कहा- ठीक है। सवाल : आपने मेरठ से ही क्यों टिकट लिया, अयोध्या से क्यों नहीं? मेरठ तो रावण की ससुराल है?
जवाब : मुझे अयोध्या से चुनाव लड़ना है, ऐसी कोई सूचना मेरे पास नहीं थी। बाकी लोग ही बताएंगे कि मेरे बारे में क्या सोचते हैं। मैं कैसे बता पाऊंगा। सवाल : अगर आप चुनाव जीतते हैं तो मेरठ में घर लेंगे या मुंबई से ही मेरठ को चलाएंगे?
जवाब : मैं मेरठ का हूं। मैं अपनी जन्मभूमि को कर्मभूमि बनाने आया हूं। इसके लिए मुझे जो भी करना पड़ेगा, मैं करूंगा। सवाल : एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें आप कह रहे हैं मुद्दे की बात बाद में करेंगे? तो क्या अभी मुद्दे डिसाइड नहीं हैं?
जवाब : ये देश का चुनाव है। प्रदेश और शहर का चुनाव नहीं है। देश का सबसे बड़ा मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखा है। वो विकसित भारत का है। पूरा चुनाव इसी मुद्दे पर है। विकास एक ऐसा शब्द है, जिसमें सारे मुद्दे आ जाते हैं। सवाल : आप मेरठ में दो कौन सी बड़ी चीज करना चाहेंगे?
जवाब : मेरठ में ट्रैफिक जाम बहुत है। रिंग रोड अधूरा है। उसे पूरा कराएंगे। एयरपोर्ट नहीं है। देखिए विकास की कोई लिमिट नहीं है। सवाल : आपने कहा था मेरी ठकुराइन नाराज हो जाती हैं तो मैं मना लेता हूं। तो क्या मेरठ में कुछ लोग नाराज हैं?
जवाब : वो नाराजगी की बात नहीं थी। मेरे साथ इतने लोग फोटो खिंचाना चाहते हैं। मैंने कहा- भाई मेरा एक दिन का कैंपेन 10 दिन में होगा। तो उस संदर्भ में मैंने कहा था। मेरी पत्नी को जब मैं समय नहीं दे पाता हूं तो वो ठकुराइन बन जाती हैं। मैंने नाराज शब्द तो यूज ही नहीं किया था। निगेटिव शब्द यूज नहीं करता हूं। मैंने कहा था कि जब मैं जीतकर आऊंगा तो जितनी भी मेरे साथ फोटो खिंचवाना है, खिंचवा लेना। सवाल : क्या आप सोचते हैं आज भारत रामराज्य, हिंदू राष्ट्र बने?
जवाब : ये बड़े सवाल हैं। हिंदू राष्ट्र टॉप लेवल पर डिसाइड हो सकता है। रामराज्य तो बनना ही चाहिए। राम राज्य की परिभाषा सीधी है। कोई भी राज्य, जिसमें अनीति, अन्याय, अधर्म, असत्य नहीं होगा, वो रामराज्य होगा। सवाल : आज की राजनीति में राम की कौन सी बातें नेताओं को फॉलो करनी चाहिए?
जवाब : राम की सारी बातें फॉलो करनी चाहिए। यह इंसान को बहुत अच्छा और ऊंचा बना देती हैं। रामायण को कुछ परसेंटेज भी फॉलो कर लें तो हमारी जिंदगी बहुत सुखी हो जाएगी। सवाल : क्या आपको चुनाव में जातीय फैक्टर भी लग रहा है?
जवाब : जातीय फैक्टर में नहीं पड़ना चाहता। वो काम संगठन का है। मैं सिर्फ जनसंपर्क कर रहा हूं। सवाल : लोग आज भी आपसे मिलकर भावुक हो जाते हैं?
जवाब : लोगों का प्रेम है, ये किसे अच्छा नहीं लगता। मुझे भी बहुत अच्छा लगता है।

Source: DainikBhaskar.com

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