पतंजलि विज्ञापन केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:पतंजलि ने 67 अखबारों में विज्ञापन जारी कर माफी मांगी, कोर्ट ने पूछा- ऐड का साइज पुराने जैसा है

पतंजलि विज्ञापन केस में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच में पतंजलि की ओर से एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा- हमने माफीनामा फाइल कर दिया है। इसे 67 अखबारों में पब्लिश किया गया है। इस पर बेंच ने कहा- आपके विज्ञापन जैसे रहते थे, वही साइज था इस ऐड का भी? इस पर रोहतगी ने कहा- नहीं मी-लॉर्ड, इसमें बहुत पैसा खर्च होता है। लाखों रुपए खर्च होते हैं। कोर्ट ने कहा- ठीक है। पतंजलि आयुर्वेद ने सोमवार को कुछ न्यूज पेपर्स में माफीनामा प्रकाशित किया है। इसमें कहा कि पतंजलि आयुर्वेद सुप्रीम कोर्ट का पूरा सम्मान करता है। सुप्रीम कोर्ट में हमारे वकीलों ने हलफनामा पेश किया, उसके बाद हमने विज्ञापन प्रकाशित किया और प्रेस कॉन्फ्रेंस की। हम इसके लिए माफी मांगते हैं। हम भविष्य में कभी ऐसी गलती नहीं दोहराएंगे। 16 अप्रैल को (पिछली सुनवाई) जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच के सामने बाबा रामदेव और बालकृष्ण तीसरी बार पेश हुए थे। बाबा रामदेव की तरफ से उनके वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से तीसरी बार माफी मांगी थी। रामदेव ने कहा था- किसी को भी गलत बताने का हमारा कोई इरादा नहीं था। आयुर्वेद को रिसर्च बेस्ड एविडेंस के लिए तथ्य पर लाने के लिए पतंजलि ने प्रयास किए हैं। आगे से इसके प्रति जागरूक रहूंगा। कार्य के उत्साह में ऐसा हो गया। आगे से नहीं होगा। इस पर कोर्ट ने कहा- आप इतने मासूम नहीं हैं। ऐसा लग नहीं रहा है कि कोई हृदय परिवर्तन हुआ हो। अभी भी आप अपनी बात पर अड़े हैं। आपको सात दिन का समय देते है। हम इस मामले को 23 अप्रैल को देखेंगे। आप दोनों (रामदेव-बालकृष्ण) उस दिन भी कोर्ट में मौजूद रहें। पिछली 5 सुनवाई में क्या हुआ… 16 अप्रैल: पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट में फिर माफी मांगी, बाबा रामदेव बोले- काम के उत्साह में ऐसा हो गया 10 अप्रैल: रामदेव-बालकृष्ण का माफीनामा खारिज, कोर्ट ने कहा- जानबूझकर आदेश की अवमानना की​​​​​​​ 02 अप्रैल: रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगी, अदालत ने कहा- सरकार ने आंखें क्यों मूंदे रखीं ​​​​​​​19 मार्च:​​​​​​​ पतंजलि विज्ञापन केस में सुप्रीम कोर्ट बोला- रामदेव हाजिर हों,अवमानना का केस क्यों न लगे 27 फरवरी: पतंजलि को सुप्रीम कोर्ट का कंटेंप्ट नोटिस, बीमारी ठीक करने का दावा करने वाले विज्ञापनों पर रोक​​​​​​​

Source: DainikBhaskar.com

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