VVPAT वेरिफिकेशन मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:चुनाव आयोग से पूछा- विरोध क्यों हो रहा, प्रक्रिया बताइए; आयोग बोला- ये सिर्फ आशंकाएं

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ADR समेत अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े पैरवी कर रहे हैं। प्रशांत भूषण एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से पेश हुए। वहीं चुनाव आयोग की ओर से एडवोकेट मनिंदर सिंह मौजूद हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वोटर्स को वीवीपैट स्लिप दी जानी चाहिए और वे इसे बैलट बॉक्स में डाल देंगे। वोटर्स की प्राइवेसी के चलते वोटिंग के अधिकार को किनारे नहीं किया जा सकता है। इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा- चुनाव आयोग हमें पूरी प्रक्रिया बताए। वीवीपैट की गिनती कैसे होती है, मैकेनिज्म क्या है, जिससे तय हो कि कोई छेड़छाड़ ना हो। आखिर विरोध क्यों हो रहा है? चुनाव आयोग के वकील ने कहा- ये केवल आशंकाएं हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता कायम रहनी चाहिए, शक नहीं होना चाहिए कि ये होना चाहिए था और हुआ नहीं। याचिकाकर्ता की मांग, 100% वेरिफिकेशन हो
VVPAT पर्चियों की 100% वेरिफिकेशन को लेकर एक्टिविस्ट अरुण कुमार अग्रवाल ने अगस्त 2023 में याचिका लगाई गई थी। याचिका में कहा गया कि वोटर्स को VVPAT की पर्ची फिजिकली वेरिफाई करने का मौका दिया जाना चाहिए। वोटर्स को खुद बैलट बॉक्स में पर्ची डालने की सुविधा मिलनी चाहिए। इससे चुनाव में गड़बड़ी की आशंका खत्म हो जाएगी।

Source: DainikBhaskar.com

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