ममता बोलीं- हमारे कारण बेंगलुरु ब्लास्ट के आरोपी गिरफ्तार हुए:वे यहां के निवासी नहीं, BJP नेता ने कहा था- बंगाल आतंकियों का सुरक्षित ठिकाना

पश्चिम बंगाल के पूरबा मेदिनीपुर से बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के दो आरोपियों की शुक्रवार (12 अप्रैल) को गिरफ्तारी को लेकर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने है। TMC प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हमारे कारण बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट के दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। ममता कूचबिहार के दिनहाटा में चुनावी रैली कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने मंच से कहा- भाजपा के एक नेता ने कहा है कि बंगाल सुरक्षित नहीं है, जबकि बंगाल पुलिस के एक्शन के कारण ही आरोपियों को दो घंटे के भीतर गिरफ्तार किया गया। दोनों आरोपी बंगाल के रहने वाले नहीं है। वे यहां छिपे हुए थे। भाजपा बंगाल के बारे में अफवाह फैलाती है। उन राज्यों के बारे में क्या जहां आप (भाजपा) सत्ता में हैं? क्या उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और गुजरात सुरक्षित है? बंगाल में शांति है तो भाजपा इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती। भाजपा नेता ने कहा था- बंगाल आतंकियों का सुरक्षित ठिकाना ममता बंगाल भाजपा के को-इन्चार्ज अमित मालवीय के बयान पर पलटवार कर रही थीं। दरअसल, अमित मालवीय ने रामेश्वरम कैफे के आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था। उन्होंने X पर लिखा- NIA ने रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट में दो मुख्य आरोपियों, मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन अहमद ताहा को कोलकाता से हिरासत में लिया। पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी के नेतृत्व में आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। बंगाल पुलिस ने अमित मालवीय के पोस्ट की आलोचना की
अमित मालवीय के दावों को लेकर बंगाल पुलिस ने उनकी आलोचना की। बंगाल पुलिस ने X पर भाजपा नेता को टैग करते हुए लिखा- अमित मालवीय दावों के उलट फैक्ट यह है कि बंगाल पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के जॉइंट ऑपरेशन के तहत राज्य के पूर्व मेदिनीपुर से रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट दोनों संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। बंगाल पुलिस ने कहा- केंद्रीय एजेंसियों ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी में हमारी भूमिका की सराहना की है। पश्चिम बंगाल कभी भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित ठिकाना नहीं रहा है। राज्य पुलिस अपने लोगों की सुरक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहेगी। बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट के 42 दिन बाद दोनों आरोपी पकड़ाए
बेंगलुरु के मशहूर रामेश्वरम कैफे में 1 मार्च को IED ब्लास्ट हुआ था। इसमें 10 लोग घायल हुए थे। NIA ने घटना के 42 दिन बाद 12 अप्रैल को केस के दो आरोपियों को कोलकाता से 180 किमी दूर पूरबा मेदिनीपुर जिले के एक छोटे से शहर कांथी से गिरफ्तार किया। NIA के मुताबिक, 1 मार्च को शाजिब ने कैफे में IED रखा था, जबकि ताहा ने इसका पूरा प्लान तैयार किया था। NIA ने 5 अप्रैल को बताया था कि मामले में मुख्य और सह-आरोपी की पहचान हो गई है। मुसाविर हुसैन शाजिब मुख्य आरोपी और अब्दुल मतीन ताहा सह-आरोपी है। दोनों ही कर्नाटक के शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली के रहने वाले हैं। NIA ने दोनों की तलाश में कर्नाटक, तमिलनाडु और UP के 18 ठिकानों पर छापेमारी की थी। 29 मार्च से दोनों पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इससे पहले जांच एजेंसी ने ब्लास्ट केस में BJP कार्यकर्ता साई प्रसाद को भी हिरासत में लिया था। NIA का कहना है कि साई का कैफे ब्लास्ट के आरोपियों से कनेक्शन है। पूरी खबर पढ़ें… TMC नेता बोले- पूरबा मेदिनीपुर का कांथी BJP नेता सुवेंदु अधिकारी का गढ़
TMC ने दावा किया है कि दोनों आरोपियों को जिस जगह से गिरफ्तार किया गया है, वह भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी का गढ़ है। TMC नेता कुणाल घोष ने कहा- हम सभी जानते हैं कि भाजपा के बड़े नेता (सुवेंदु अधिकारी) और उनका परिवार कांथी से अवैध गतिविधियां चलाता है। सुवेंदु अधिकारी के परिवार और दोनों आरोपियों के बीच संबंध की जांच होनी चाहिए।

Source: DainikBhaskar.com

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