सलमान रुश्दी की किताब बैनः 33 साल बाद राजीव गांधी के उस फैसले पर बोले नटवर सिंह – Navbharat Times

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार में मंत्री रहे के. नटवर सिंह ने प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी की विवादित किताब ‘सटेनिक वर्सेज’ को प्रतिबंधित करने के तत्कालीन सरकार के फैसले का शनिवार को बचाव किया और कहा कि यह फैसला ‘पूरी तरह’ से कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया था। न्यूयॉर्क में शुक्रवार को रुश्दी पर हमला हुआ, जिसके बाद उनकी पुस्तक एक बार फिर चर्चा में आ गई है। 1988 में किताब पर रोक लगाई गई थी, तब सिंह विदेश राज्यमंत्री थे। उन्होंने कहा कि वह पुस्तक को प्रतिबंधित करने संबंधी फैसले में शामिल थे और उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री से कहा था कि यह किताब कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है क्योंकि लोग आक्रोशित हैं।

सिंह (91) ने आलोचकों के उन आरोपों को ‘बकवास’ करार दिया जिसमें कहा गया कि राजीव गांधी सरकार ने किताब को प्रतिबंधित करने का फैसला मुस्लिम तुष्टीकरण के चलते लिया था। उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि यह (किताब को प्रतिबंधित करने का फैसला) गलत था क्योंकि इससे कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई थी खासतौर पर कश्मीर में। भारत के अन्य हिस्सों में अशांति पैदा हुई थी।’

‘सटेनिक वर्सेज’ पर बैन कहानीः क्या तब के पीएम राजीव गांधी को किताब के आयात पर रोक की वाकई खबर नहीं थी?
‘राजीव ने मुझसे पूछा था क्या करना चाहिए’
सिंह ने कहा, ‘राजीव गांधी ने मुझसे पूछा कि क्या किया जाना चाहिए। मैंने कहा, ‘मैंने पूरी जिंदगी किताबों पर रोक का पुरजोर तरीके से विरोध किया, लेकिन जब कानून व्यवस्था की समस्या आए तो भले रुश्दी जैसे महान लेखक की किताब हो, प्रतिबंधित की जानी चाहिए।’ उन्होंने जोर दिया कि रुश्दी की किताब ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन’ 20वीं सदी के महान उपन्यासों में से एक है, लेकिन ‘सटेनिक वर्सेज’ को प्रतिबंधित करने का फैसला पूरी तरह से कानून-व्यवस्था के कारण था।

‘सटेनिक वर्सेज’ किताब के प्रकाशित होने के बाद भारी विवाद हुआ और कई मुस्लिम इसे ईशनिंदा के तौर पर देखते हैं। ईरानी नेता अयातुल्लाह खामनेई ने रुश्दी की हत्या का फतवा जारी किया था।

Salman Rushdie News : सलमान रुश्दी की किताब द सेटेनिक वर्सेज विवादित क्यों? अयातुल्लाह खुमैनी ने जारी किया था मौत का फतवा
‘सटेनिक वर्सेज पर बैन लगाना सही था’
राजीव गांधी सरकार के फैसले का पुरजोर तरीके से बचाव करते हुए सिंह ने कहा, ‘मैं इसे पूरी तरह से न्यायोचित मानता हूं क्योंकि यह कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर हालात पैदा कर सकती थी। उस समय भावनाएं चरम पर थीं, खासतौर पर मुसलमानों की।’ सिंह ने कहा कि वह रुश्दी पर हमले से ‘व्यथित’ हैं। सिंह ने कहा, ‘वह 75 साल के व्यक्ति है जो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते और साहित्य में योगदान दे रहे हैं। कोई दुष्ट आता है और उन्हें करीब करीब मार देता है, वह भी तब जब वह न्यूयॉर्क में भाषण दे रहे थे।’

Related posts