Gyanvapi Masjid Case LIVE: ज्ञानवापी मस्जिद केस में सुप्रीम कोर्ट अब जुलाई के दूसरे हफ्ते में करेगा सुनवाई – Aaj Tak

किसी स्थान के धार्मिक चरित्र का पता लगाना वर्जित नहीं है: जस्टिस चंद्रचूड़

Posted by :- om Pratap

अहमदी ने कहा कि पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र को बदलने पर स्पष्ट रूप से रोक है. आयोग का गठन क्यों किया गया था? यह देखना था कि वहां क्या था?

जस्टिस चंद्रचूड़- लेकिन किसी स्थान के धार्मिक चरित्र का पता लगाना वर्जित नहीं है.

मान लीजिए कोई अगियारी है. मान लीजिए कि अगियारी के दूसरे हिस्से में क्रॉस है. क्या अगियारी की उपस्थिति क्रॉस को अगियारी बनाती है? या क्रॉस की उपस्थिति अगियारी को ईसाई जगह बनाती है?

ईसाई धर्म के एक लेख की उपस्थिति इसे ईसाई नहीं बनाएगी और पारसी की उपस्थिति इसे ऐसा नहीं बनाएगी.

क्या ट्रायल जज अधिकार क्षेत्र से बाहर चला गया था और क्या रिपोर्ट लीक हुई थी, यह अलग-अलग मुद्दे हैं. हम बाद में देखेंगे.

अहमदी- कमीशन नियुक्त करने का मतलब ये पता लगाना था कि परिसर में किसी देवता की मूर्ति या धार्मिक चिह्न तो नहीं हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर कहीं अगियारी और क्रॉस मिलते हैं तो दो धर्मों का अस्तित्व बताते हैं.

Related posts