Delhi Mundka Fire: पूर्व लाइनमैन का दावा- बच सकती थीं 27 जिंदगियां, अगर मैनेजर मान लेता मेरी बात – अमर उजाला

मुंडका के इमारत में आग लगने के बाद 27 जिंदगियां काल के गाल में समा गई। इस घटना को रोका जा सकता था। ऐसा दावा इस कंपनी में काम कर चुके लाइनमैन मुकेश ने किया है। उसका कहना है कि एक माह पहले ही जनरेटर में शार्ट सर्किट हुई थी और उसने कंपनी के मैनेजर को इस बात से अवगत करवा दिया था। 

 
लाइनमैन मुकेश ने मैनेजर से जनरेटर के पार्टस और तार बदलने के लिए कहा था, लेकिन उसने उसकी बातों को अनसुना कर दिया था। इस बात को लेकर उसकी कहासुनी हो गई थी और उसने कंपनी की नौकरी छोड़ दी थी।  
रानीखेड़ा निवासी मुकेश ने बताया कि एक माह पहले इस अनहोनी के संकेत मिल गए थे। उसने बताया कि बिजली गुल होने के बाद कंपनी में जनरेटर का इस्तेमाल किया जाता था। यहां पर दो जनरेटर लगे हुए थे। एक बेसमेंट में था और दूसरा पहली मंजिल पर। पहली मंजिल पर लगे जनरेटर में गड़बड़ी थी और उसमें लगे तार की क्वालिटी काफी खराब थी। एक माह पहले जनरेटर को ऑपरेट करने के दौरान उसमें शार्ट सर्किट हुआ था। मुकेश ने इस बात की जानकारी कंपनी के मैनेजर को दी थी। लेकिन मैनेजर ने उल्टा उसे डांट दिया था। यह बात मुकेश का नाग्वार गुजरी। 
मुकेश ने बताया कि उसे आशंका थी कि जनरेटर की वजह से बड़ा हादसा हो सकता है। प्रथम दृष्टिया उसे ही इसका जिम्मेदार ठहराया जाता। इसलिए उसने उसी दिन कंपनी की नौकरी छोड़ दी। अब जब इमारत में हादसा हुआ तो उसने घटना वाले दिन यहां काम करने वाले अपने दो दोस्तों नितिन और मुकेश को फोन कर उनसे घटना की जानकारी लेनी चाही, लेकिन दोनों का फोन बंद था। बाद में पता चला कि वह दोनों भी हादसे के शिकार हो गए हैं। उसके बाद से वह अपने दोस्तों की तलाश में कई अस्पतालों का चक्कर काट चुका है लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला है। 
मुकेश का कहना है कि एक माह पहले ही अगर उसकी बात मानकर जनरेटर को ठीक करवा दिया होता तो इस त्रासदी से बचा जा सकता था और इतने लोगों की जान नहीं जाती। 

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