उत्तराखंड: कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी से छह साल के लिए निकाला, भाजपा में हो सकते हैं शामिल – अमर उजाला – Amar Ujala

अमर उजाला नेटवर्क, देहरादून
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Thu, 27 Jan 2022 04:40 AM IST

सार

इसी क्रम में उत्तराखऱंड के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय आज भाजपा का दामन थाम सकते हैं। भाजपा से उनकी नजदीकियों की खबरों के बीच पार्टी ने उन्हे सभी पदों से पिछले दिनों हटा दिया था।

किशोर उपाध्याय, दाएं…
– फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

कांग्रेस में टिकट बंटवारे के बाद कई सीटों पर लगातार बगावती तेवर सामने आ रहे हैं। असंतोष के परिणाम भी सामने आने लगे हैं। इसी क्रम में उत्तराखंड के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। वह आज भाजपा का दामन थाम सकते हैं। भाजपा से उनकी नजदीकियों की खबरों के बीच पार्टी ने उन्हे सभी पदों से पिछले दिनों हटा दिया था। हालांकि उपाध्याय ने उन्हे लेकर की जारी चर्चा पर अपना स्पष्टीकरण भी भेजा था। अब उपाध्याय के भाजपा में जाने की खबरें गर्म हैं। 

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इस बीच कांग्रेस प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी होने के बाद गढ़वाल से कुमाऊं तक विभिन्न सीटों पर कार्यकर्ताओं में उबाल है। इसके बाद देर रात सूची में कई बदलाव भी किए गए। लेकिन पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को लैंसडाउन से टिकट दिए जाने से नाराज कुछ कार्यकर्ताओं ने कल दोपहर कांग्रेस भवन में प्रदर्शन किया तो देर रात ऋषिकेश से बड़ी संख्या में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ओल्ड मसूरी रोड स्थित आवास पर पहुंचे कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई।

कांग्रेस में परिवारवाद की छाया

कांग्रेस में टिकटों में बदलाव को लेकर पार्टी में परिवारवाद की बात भी उठने लगी है। हरीश रावत, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, स्व. इन्दिरह रद्देश और संसद केसी सिंह बाबा के परिवार के सदस्यों को टिकट मिला है। 

हरक की पुत्रवधू अनुकृति को लैंसडौन से, पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा के बेटे को काशीपुर से, इंदिरा के बेटे सुमित ह्रदयेश को हल्द्वानी से और हरीश रावत की बेटी अनुपमा को हरिद्वार ग्रामीण से उम्मीदवार बनाया गया है। यशपाल आर्य के बेटे संजीव आर्य नैनीताल से हैं प्रत्याशी।

दावेदारों को नहीं मिला टिकट तो बगावत पर उतरे

देहरादून जिले की 10 विधानसभा सीटों पर तैयारी कर रहे दावेदार काफी नाखुश हैं। उनकी बगावत को थामने में भाजपा और कांग्रेस के पसीने छूट रहे हैं। कई दावेदार निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं जबकि कई इस पर विचार कर रहे हैं। 

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