Goa Assembly Election: उत्पल पर्रिकर की 2027 में लॉन्चिंग प्लान कर रही भाजपा, हारने पर भी किया पद का वादा! – News18 हिंदी

पणजी. गोवा विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Election) के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुरुवार को 34 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी. खास बात है कि इस सूची में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) के बेटे उत्पल का नाम नहीं है. खबर है कि भाजपा से टिकट नहीं मिलने के चलते पहले ही नाराजगी जता चुके उत्पल को दो अन्य सीटों की पेशकश की गई है. हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी ने उनके साथ ‘2027 में लॉन्चिंग’ से जुड़ी योजना को भी साझा किया है. उत्पल अपने पिता की सीट पणजी से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने एटेनासियो ‘बाबुश’ मॉन्ज्रेट के यहां से मौका दिया है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि उत्पल को दो अन्य विकल्पों की पेशकश की गई है. उनहोंने कहा, ‘हमें लगता है कि उन्हें यह स्वीकार कर लेना चाहिए. बीजेपी ने हमेशा पर्रिकर परिवार को सम्मान दिया है.’ रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि पार्टी ने उत्पल के साथ ‘कई विकल्प’ साझा किए हैं और यह भरोसा दिया है अगर वे हार जाते हैं, तो भी उन्हें संगठन में जगह दी जाएगी. सूत्रों ने कहा, ‘हमने उनके साथ साल 2027 में बेहतर लॉन्चिंग के साथ 5 साल की योजना साझा की है. बातचीत जारी है औऱ उम्मीद खत्म नहीं हुई है.’

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इधर, अन्य दल कर रहे तैयारी
हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्पल को आम आदमी पार्टी से लड़ने का ऑफर दिया है. गुरुवार को केजरीवाल की तरफ से ट्वीट किया गया, ‘गोवावासी बहुत दुख महसूस करते हैं कि भाजपा ने पर्रिकर परिवार के साथ भी इस्तेमाल करो और फेंक दो वाली नीति अपनाई है. मैंने हमेशा मनोहर पर्रिकर जी का सम्मान किया है. उत्पल जी का आप में शामिल होने और टिकट पर लड़ने के लिए स्वागत है.’

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बीते हफ्ते शिवसेना नेता संजय राउत ने भी उत्पल के निर्दलीय लड़ने पर विपक्षी दलों से समर्थन देने की अपील की थी. रिपोर्ट में भाजपा सूत्रों के हवाले से बताया गया है, ‘हम उम्मीद करते हैं कि वे थोड़े फायदे के लिए पार्टी के साथ धोखा नहीं करेंगे. पर्रिकर का आप में कोई भविष्य नहीं है. बीजेपी उनका घर है.’ पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत पर्रिकर ने पणजी क्षेत्र में 25 सालों तक रहे. बाबुश उनके प्रतिद्विंदी माने जाते हैं. पर्रिकर के निधन के बाद उपचुनाव में बाबुश ने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी, लेकिन बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए थे.

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