कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट से कैसे बच सकते हैं आप? डॉ. त्रेहान से जानिए – आज तक

स्टोरी हाइलाइट्स

  • डॉक्टर नरेश त्रेहान ने बताया कैसे ओमिक्रॉन से बच सकते हैं लोग
  • ओमिक्रॉन से संक्रमित एक व्यक्ति 18-20 लोगों को कर सकता है पॉजिटिव: डॉ त्रेहान

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने भारत में भी दस्तक दे दी है और कर्नाटक में इससे दो लोग संक्रमित पाए गए हैं. संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करने के फैसले को भी टाल दिया है.

हालांकि सभी जरूरी प्रोटोकॉल के पालन के बाद भी जोखिम वाले देशों (जहां ओमिक्रॉन से लोग संक्रमित हो चुके हैं) से आने वाले यात्रियों की वजह से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. 

ऐसे में देश के चर्चित डॉक्टर और मेदांता अस्पताल के संस्थापक डॉ नरेश त्रेहान ने ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर कई अहम जानकारियां दी हैं और लोगों को इससे सावधान रहने को कहा है.

उन्होंने कहा कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति 18 से 20 लोगों को कोरोना पॉजिटिव कर सकता है. डॉक्टर त्रेहान ने इसके पीछे का कारण बताया कि ओमिक्रॉन का R नॉट वैल्यू अन्य वैरिएंट की तुलना में कहीं ज्यादा है.

डॉक्टर त्रेहान ने लोगों को कोरोना के इस वैरिएंट से सुरक्षित रहने की सलाह देते हुए कहा कि हमारे पास वैक्सीनेशन के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि इससे न्यूनतम सुरक्षा बनी रहेगी. उन्होंने ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर बताया कि इसके बारे में जानने और रोकने के लिए इस पर अधिक से अधिक डेटा की आवश्यकता है.

वहीं कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के सामने आने के बाद यात्रा प्रतिबंधों के सवाल पर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में संक्रमण की रोकथान के लिए भारत द्वारा यात्रा पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक हो सकता है. जैसी स्थिति है उसमें स्वास्थ्य सेवाकर्मियों को बूस्टर डोज मिलनी चाहिए.

वहीं इस नए वैरिएंट से बच्चों को लेकर उपजी चिंता पर डॉक्टर त्रेहान ने कहा कि यह एक चिंताजनक स्थिति है कि हमारे पास अभी तक बच्चों के लिए कुछ भी नहीं है. ऐसे में स्कूलों को बंद रख सकते हैं. उन्होंने कहा पैनिक होने की जरूरत नहीं है लेकिन सचेत रहना जरूरी है.

वैक्सीन की दोनों डोज जरूरी: डॉ अरविंद कुमार

वहीं मेदांता अस्पताल के डॉक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि  ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर साउथ अफ्रीका से जो जानकारी आई है उसके मुताबिक इसके जीनोम स्वीक्वेंसिंग और क्लीनिकल जांच में सामने आया कि इसकी संक्रमण की क्षमता ज्यादा है. 

ऐसे में उन्होंने बचाव के उपाय के तौर पर बताया कि वायरस से बचने के लिए लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन की दोनों डोज ले लेनी चाहिए.

उन्होंने लोगों को लगातार साबुन से हाथ धोने और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की भी सलाह दी है. डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि वैक्सीन भले पूरी सुरक्षा ना दें लेकिन यह न्यूनतम सुरक्षा जरूर देगा.

ओमिक्रॉन से बचने के लिए बूस्टर डोज जरूरी: डॉक्टर राजेश पारिख

वहीं जसलोक अस्पताल के डॉक्टर राजेश पारिख ने ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण से बचाव के लिए बूस्टर डोज को जरूरी बताया. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज और बूस्टर डोज साथ-साथ देना चाहिए. उन्होंने कहां ओमिक्रॉन वैरिएंट 500 फीसदी ज्यादा तेजी से फैल सकता है.

विदेश से लौटने वाले हर शख्स का हो आरटीपीसीआर: डॉ शशांक जोशी

महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स में कार्यरत डॉ शशांक जोशी ने कोरोना के इस नए वैरिएंट को लेकर बताया कि महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के लेकर जो प्रोटोकॉल तय किए गए हैं वो बेहतर हैं और आने वाले दो महीनों में हम जितनी सख्ती से जांच करेंगे उससे देश को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि हम दूसरे देशों से नए वैरिएंट को आने से रोकने की कोशिश ही कर सकते हैं.

उन्होंने कहा, जितने भी लोग विदेश से आ रहे हैं सभी का आरटीपीसीआर टेस्ट करके उन्हें 7 दिन होम क्वारंटीन में रखना चाहिए और जांच कर फिर 14 दिन होम क्वारंटीन में रखना चाहिए.  

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