20-25 नेताओं के साथ कल अमित शाह से मिलेंगे कैप्टन अमरिंदर, अपनी पार्टी के नाम और सिंबल पर कही यह बात – Hindustan

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कल यानी गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात करेंगे। उनके साथ 20 से 25 नेता और रहेंगे और केंद्र सरकार द्वारा हाल पास किए गए तीनों कृषि कानूनों के लेकर चर्चा करेंगे। कैप्टन ने आज खुद चंडीगढ़ में इसकी जानकारी दी है। पार्टी बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि समय आने पर हम सभी 117 सीटों पर लड़ेंगे, चाहे एडजस्टमेंट सीट हो या हम अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे।

कैप्टन के सीएम पद के इस्तीफे के बाद से उनकी नई पार्टी को लेकर लगातार कयास लगाए जा रहे हैं। आज उन्होंने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरन इसके नाम और सिंबल को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दिया। कैप्टन ने कहा, ”हां, मैं एक नई पार्टी बनाऊंगा। चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद चुनाव चिन्ह के साथ नाम की घोषणा की जाएगी। मेरे वकील इस पर काम कर रहे हैं।” 

इससे पहले उन्होंने अपने 4.5 साल के कार्यकाल का लेखा जोखा भी पेश किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कैप्टन अपना मेनिफेस्टो भी लेकर आए थो, जिसका उन्होंने पंजाब की जनता से वादा किया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने अधिकांश वादों को पूरा कर दिया। इस दौरान कैप्टन अपने विरोधियों पर भी जमकर बरसे।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज अपने कार्यकाल का लेखा जोखा पेश किया है। इसके लिए उन्होंने एक डॉक्यूमेंट जारी किया है। इसे जारी करते हुए उन्होंने कहा, ”इन 4.5 वर्षों के दौरान जब मैं वहां (सीएम की कुर्सी पर) था, हमने जो हासिल किया है उसके सभी कागजात यहां दिए गए हैं।” इस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पिछले चुनाव के अपने घोषणा पत्र भी दिखाए। उन्होंने कहा, ”यह हमारा घोषणापत्र है जब मैंने पदभार संभाला था। हमने जो हासिल किया है उसका भी डॉक्यूमेंट है।”

विरोधियों पर जमकर बरसे
उन्होंने कहा, ”वे सुरक्षा उपायों को लेकर मेरा मजाक उड़ाते हैं। मेरी बेसिक ट्रेनिंग एक सैनिक की है। मैं मेरे प्रशिक्षण की अवधि से लेकर सेना छोड़ने तक 10 वर्षों तक आर्मी में रहा। इसलिए मुझे मूल बातें पता हैं।” कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ”’दूसरी ओर, मैं 9.5 साल तक पंजाब का गृह मंत्री रहा। कोई जो 1 महीने तक गृह मंत्री रहा है, ऐसा लगता है कि वह मुझसे ज्यादा जानता है। कोई भी परेशान पंजाब नहीं चाहता। हमें समझना चाहिए कि हम पंजाब में बहुत मुश्किल दौर से गुजरे हैं।”

क्यों देना पड़ था कैप्टन को इस्तीफा?
साल 2019 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू ने आवाज उठानी शुरू कर दी। सिद्धू कैप्टन से इतने खफा हो गए कि उन्होंने इस साल अप्रैल में पंजाब कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा तक दे दिया। इसके बाद सिद्धू ने गुरुग्रंथ साहिब बेअदबी मामले में कार्रवाई न किए जाने को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह पर सीधे निशाना साधना शुरू कर दिया। इसके बाद कैप्टन से नाखुश विधायकों का सिद्धू खेमे में शामिल होने का सिलसिला शुरू हो गया। हाई कमान ने आखिरकार 19 जुलाई को सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया। हालांकि, इसके बाद कैप्टन और सिद्धू की गले मिलती तस्वीरें भी आईं लेकिन शायद दोनों के दिल नहीं मिल सके और आखिरकार कैप्टन को न चाहते हुए भी पद से इस्तीफा देना पड़ा।

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