संयुक्त राष्ट्र : आतंकवाद से कभी समझौता न करे दुनिया, हमने ज्यादा चुनौतियां झेलीं, जयशंकर ने किया आगाह – अमर उजाला – Amar Ujala

सार

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दुनिया को एक बार फिर आतंकवाद के खतरे के प्रति दुनिया को आगाह किया है। उन्होंने भारत में हुए आतंकी हमलों व अमेरिका पर हुए 9/11 हमले को याद दिलाते हुए चेताया। 
 

डॉ. एस जयशंकर
– फोटो : ANI

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विस्तार

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए दुनिया को चेताया है कि वह आतंकवाद रूपी बुराई से कभी समझौता न करे। भारत में हुए तमाम हमलों व अमेरिका में हुए 9/11 का खासतौर से जिक्र करते हुए कहा कि हमने ज्यादा चुनौतियां व मौतों को सहा है।  हमने आतंकवाद से कभी समझौता नहीं किया। 

 

आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि हमने 2008 में मुंबई हमले, 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमले, और 2019 में पुलवामा में सुरक्षा बलों पर आत्मघाती हमले का सामना किया है। आतंकवाद से अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को खतरे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दो दिन बाद विश्व दुनिया चौथा आतंकवाद विरोधी दिवस मनाएगी और इसके चलते मारे गए लोगों को याद करेगी। अगले माह न्यूयॉर्क में हुए 9/11 आतंकी हमले की 20 वीं बरसी है। 

कोविड-आतंकवाद की तुलना करते हुए यह कहा

जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्र, सभ्यता या फिर जातीय समूह से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। आतंकवाद के हर रूप की निंदा होनी चाहिए। विदेश मंत्री ने कोरोना का उदाहरण देते हुए कहा कि जो कोरोना के लिए सच है, वहीं आतंकवाद के लिए सच है। जब तक सब सुरक्षित नहीं होंगे, कोई सुरक्षित नहीं होगा। जयशंकर ने आगे कहा कि अफगानिस्तान हो या भारत, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद लगातार यहां एक्टिव हैं। 

आतंकियों को इनाम में मिल रहे बिटकॉइन

जयशंकर ने आईएसआईएस का जिक्र करते हुए कहा कि इस संगठन का आर्थिक ढांचा मजबूत हो रहा है। आतंकियों को हमले व लोगों की जान लेने के बदले इनाम में बिटकॉइन दिए जा रहे हैं। युवाओं को ऑनलाइन प्रोपेगेंडा चलाकर भटकाया जा रहा है।

पाकिस्तान में आईएसआईएल-खुरासान गुट पहले से ज्यादा सक्रिय

पाकिस्तान का जिक्र करते हुए जयशंकर बोले, ‘हमारे पड़ोसी देश में ही आईएसआईएल-खुरासान गुट पहले से ज्यादा सक्रिय है। अफगानिस्तान में हुई घटनाओं ने इसके क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर स्वाभाविक रूप से पड़ने वाले असर को लेकर वैश्विक चिंता बढ़ा दी है।

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