गुलजार का 87वां जन्मदिन:रोजी-रोटी के लिए गैराज में काम करते और खाली समय में कविताएं लिखते थे गुलजार, बिमल रॉय से मुलाकात के बाद बदल गई थी किस्मत

Source: DainikBhaskar.com

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