Rajasthan: कोटा में बाढ़ से हालात बेकाबू, सरकार ने सेना बुलाई, बचाव और राहत कार्य में जुटे 100 से ज्यादा जवान – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • राजस्थान में कोटा जिले में बाढ़ से बिगड़े हालात, सेना ने संभाला मोर्चा
  • देर रात सेना के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया

अर्जुन अरविंद
कोटा।
राजस्थान प्रदेश के हाड़ौती अंचल में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार की ओर से हालात से निपटने के लिए सेना से मदद मांगी गई। इसके बाद शुक्रवार देर रात सेना के जवानों की एक टुकड़ी कोटा पहुंची है। इसी के साथ सेना ने बचाव और राहत कार्य अपने हाथ में ले लिया है। सेना ने सबसे पहले डोडिया मोहल्ले में फंसे 20 से ज्यादा लोगों को बचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है। समाचार लिखे जाने तक ऑपरेशन शुरू हो चुका है और जल्द ही अन्य इलाकों में सेना की मदद पहुंचने वाली है।
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प्रदेश के कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ जिलों में पिछले 7 दिनों से भारी बारिश हो रही है। क्षेत्र की नदियां भारी उफान पर आई हुई हैं। शुक्रवार की रात को कोटा जिले के सांगोद कस्बे में उजाड़ नदी भारी उफान पर आई। पूरे कस्बे को नदी के उफान ने 3 घंटे के अंदर अपनी जद में ले लिया। कई लोग बाढ़ की चपेट में आकर फंस गए हैं।
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इन हालातों में राजस्थान सरकार ने तत्काल फैसला लिया। कोटा जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ के फीडबैक पर सांगोद कस्बे में सेना को भेजा है। भारतीय सेना के 100 से ज्यादा जवानों ने मोर्चा संभाला लिया है। क्षेत्रीय विधायक भरत सिंह के निर्देश पर सांगोद ब्लॉक अध्यक्ष कुशल पाल सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर डटे हैं। सेना के जवानों को जहां-जहां लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए थे उनकी लोकेशन बता रहे हैं। सेना के जवानों ने नाव के जरिए सबसे पहले डोडिया मोहल्ले में 20 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू करने का ऑपरेशन शुरू किया। कलेक्टर के अलावा बाढ़ ग्रस्त इलाके में कोटा ग्रामीण पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी और सांगोद एसडीएम मौके पर तैनात हैं।
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बिजली गुल, ऊंचाई वाले स्थानों पर पहुंचे लोग
कस्बे की बाढ़ के कारण बिजली कटी हुई है। लोग घरों में दुबके हुए हैं। सांगोद कस्बे में मुख्य बाजार में गांधी चौक में 6 से 7 फीट पानी है। कई जगह पर 8 से 9 फीट पानी कस्बे में है। कस्बे के लोग ऊंचाई वाले स्थानों पर चले गए हैं। और सेना के आने पर लोगों की हिम्मत बंधी है कि अब भारतीय सेना के जवान उन्हें इस प्राकृतिक आपदा से बचा लेंगे।












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स्कूल में रेस्क्यू के लिए हेलीकॉप्टर की मदद

कलेक्टर उज्जवल राठौड़ ने एनबीटी को बताया कि शुक्रवार रात 1 बजे करीब 15 से 20 वाहनों में 100 से ज्यादा सेना के जवान सांगोद कस्बे में पहुंचे है। उन्होंने कस्बे की विजिट करके अपना रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है। कलेक्टर ने कहा कि हिंगी आवासीय बालिका विद्यालय में फंसे स्टाफ के लोगों को हेलीकॉप्टर से ही निकाला जाएगा। संभवत शनिवार सुबह इस दिशा में जिला प्रशासन और सेना कार्रवाई करेगी। वहीं कांग्रेस के सांगोद ब्लॉक अध्यक्ष कुशल पाल सिंह ने कहा कि सांगोद कस्बे में रेस्क्यू करने के बाद सेना के जवान हिंगी आवासीय विद्यालय में फंसे स्टाफ को निकालने के लिए जाएगी।












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हालाब बेकाबू क्यों हुए? इतना पानी कहां से आया?

सांगोद कस्बे में यह बाढ़ उजाड़ नदी के उफान के कारण आई है। उजाड़ नदी में झालावाड़ जिले में बने भीमसागर डैम के पांच गेट खोले गए। इससे 30000 क्यूसेक से ज्यादा पानी की निकासी हुई। यही पानी बाढ़ की वजह बना। कस्बे के निवासी सुरेश सुमन, नवीन सुमन, मुकेश सुमन, दिनेश सुमन और कुशल पाल सिंह ने कहा कि सांगोद कस्बे में इसके पहले कभी भी ऐसी बाढ़ उन लोगों ने नहीं देखी है।

लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला

70 से 80 हजार की आबादी का कस्बा टापू बन गया है। पानी इतनी तेजी से आया कि 3 घंटे में कई फीट पानी भराव हो गया। जिसने लोगों को संभलने तक का मौका नहीं दिया। उजाड़ नदी की कोटा रोड की पुलिया पर करीब 25 से 30 फीट पानी की चादर चल रही है। बाढ़ के कारण दुकानों में पानी भर जाने से कस्बे के व्यापारियों को बड़ा भारी नुकसान होने की संभावना है। लोग बाढ़ के पानी का उतरने का इंतजार कर रहे हैं। कई लोग छतों पर रात गुजार रहे हैं।












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