झारखंड के धनबाद में एक जज की मौत के मामले ने तूल पकड़ा – BBC हिंदी

  • मोहम्मद सरताज आलम
  • झारखंड से, बीबीसी हिंदी के लिए

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झारखंड के धनबाद में एक जज की मौत का मामला सुर्ख़ियाँ बटोर रहा है. धनबाद के अपर ज़िला सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की बुधवार को एक ऑटो की टक्कर से मौत हो गई थी.

लेकिन इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद परिजन इसे हत्या बता रहे हैं और राज्य के एडवोकेट जनरल ने भी कहा है कि लगता है उन्हें जान-बूझकर मारा गया है.

बुधवार की सुबह पाँच बजे धनबाद के रंधीर वर्मा चौक से एक ऑटो तेज़ रफ़्तार से गुज़रता हुआ मॉर्निंग वॉक पर निकले अपर ज़िला सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद को टक्कर मार कर निकल गया.

जिसके बाद ख़ून में लथपथ 49 वर्षीय न्यायाधीश को कुछ स्थानीय युवकों ने अस्पताल पहुँचाया. लेकिन चंद घंटे बाद उनकी मौत हो गई.

महत्वपूर्ण बात यह है कि धनबाद के एसपी का बंगला घटनास्थल से मात्र 150 मीटर की दूरी पर है. धनबाद सदर थाना उस स्थान से लगभग 200 मीटर की दूरी पर स्थित है. ख़ुद न्यायाधीश उत्तम आनंद का आवास भी घटना स्थल से कुछ ही क़दमों की दूरी पर है.

इस घटना का एक सीसीटीवी फुटेज भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस सीसीटीवी फ़ुटेज में साफ़ दिखाई दे रहा है कि न्यायाधीश हल्के-हल्के क़दमों से सड़क की बाईं तरफ़ बिल्कुल किनारे जॉगिंग कर रहे हैं. तभी एक ऑटो न्यायाधीश के पीछे से आता दिखाई देता है. ऑटो उनके क़रीब पहुँचते ही बाईं तरफ़ अचानक मुड़ जाता है और न्यायाधीश को टक्कर मारते हुआ आगे निकल जाता है.

सीसीटीवी फ़ुटेज को लेकर न्यायाधीश के बहनोई प्रभात कुमार सिन्हा ने बीबीसी से कहा, “ये साफ़-साफ़ कोल्ड ब्लडेड मर्डर है. आप वीडियो को स्लो मोशन में देखिए तो साफ़ पता चलता है कि ऑटो जज साहब से टकराया ही नहीं है. दरअसल ऑटो में बैठे युवक ने किसी चीज़ से जज साहब पर प्रहार किया है. जिसने भी प्रहार किया है, वह बहुत ही सधा हुआ आदमी था, उसे पता था कि किस इम्पैक्ट से ये करना है. साथ ही एक मोटर साइकिल सड़क के डिवाइडर के दाहिने तरफ़ से आती दिखाई देती है. बाइक चलाने वाला उस ओर देखता हुआ आगे बढ़ जाता है. जो कुछ मिनट के बाद घूम कर हादसे की ओर आता है. गाड़ी चलाने वाला ज़मीन पर गिरे हुए न्यायाधीश की तरफ़ देखते हुए आगे बढ़ जाता है. अगर वह इस मामले में शामिल नहीं होता, तो 100 नंबर डायल करके प्रशासन को ज़रूर ख़बर करता, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया.”

क़ानूनी प्रक्रिया को लेकर न्यायाधीश के बहनोई प्रभात कुमार सिन्हा ने कहा, “हमने इस मामले की एफ़आईआर तो करवा दी है. अब पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन (प्रशासन) का काम है कि कैसे मामले की सही जाँच हो, कैसे दोषी को सज़ा मिल सकती है. रही बात जज साहब द्वारा संगीन मामलों की सुनवाई की, तो घर के लोग उनके ऑफ़िशियल कामों में इन्वॉल्व (शामिल) नहीं होते थे. इसलिए उनके कामों के बारे में किसी को कुछ नहीं पता है. लेकिन जो ख़बर सामने आ रही है, इसे रूल आउट नहीं किया जा सकता है.”

उन्होंने कहा, “मामले का हाईकोर्ट ने संज्ञान में लिया है इसलिए हाईकोर्ट को चाहिए कि अपनी निगरानी में इस पूरे मामले की जाँच करवाए. क्योंकि ये एक न्यायिक पदाधिकारी की हत्या का मामला है, इसकी जाँच नहीं होगी और दोषी को सज़ा नहीं मिलेगी तो भविष्य में न्यायिक अधिकारी कार्य करने में डरेंगे.”

न्यायधीश कर रहे थे धनबाद के कई संगीन मामलों की सुनवाई

जज उत्तम आनंद की अंतिम यात्रा

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न्यायाधीश उत्तम आनंद कई संगीन मामलों की सुनवाई कर रहे थे. इनमें झरिया के रंजय सिंह की हत्या का मामला भी था.

अदालत में यह मामला अभियोजन पक्ष की गवाही के लिए चल रहा है. जबकि दो दिन पहले नीरज सिंह हत्याकांड के कथित शूटर की ज़मानत अर्ज़ी भी ख़ारिज हुई थी.

यही नहीं कांग्रेस के नगर अध्यक्ष वैभव सिन्हा के मामले का ट्रायल भी इसी कोर्ट में लंबित है. इन मामलों के अलावा जज उत्तम आनंद ने दो मामलों में तीन लोगों को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई थी.

हाईकोर्ट ने धनबाद के एसएसपी को न्यायाधीश की मौत के मामले में पूरी रिपोर्ट के साथ तलब किया है. जबकि एसएसपी संजीव कुमार ने बीबीसी से बातचीत में कहा, “हम जाँच कर रहे हैं इसलिए फ़िलहाल कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं.”

जब बीबीसी ने एसएसपी से पूछा कि प्रथम दृष्टि में यह हत्या का मामला है या फिर हादसा?

इस सवाल पर भी वह जवाब देने से बचते नज़र आए और कहा कि ‘शाम तक इंतज़ार कीजिए, जाँच पूरी होने के बाद ही आपके सवालों का जवाब देंगे.’

जबकि बोकारो रेंज के डीआईजी मयूर पटेल कन्हैया लाल ने कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा कि एसएसपी धनबाद से बात कीजिए.

झारखंड के एडवोकेट जनरल राजीव रंजन ने बताया, “देखने से लगता है कि जानबूझकर मारा गया है. प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ऑटो में सवार दोनों लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है. उनसे पूछताछ हो रही है. इस मामले की जाँच के लिए पुलिस के एडीजी लेवल के अधिकारी की अध्यक्षता में 14 लोगों की एसआईटी का भी गठन कर लिया गया है.”

राजीव रंजन ने कहा, “यह अदालत का विशेषाधिकार है कि वो सीबीआई से जाँच कराना चाहती है या नहीं लेकिन मुझे अपने पुलिस फ़ोर्स पर पूरा विश्वास है. एक जज का मारा जाना बहुत ही संवेदनशील मामला है. हमलोग सच जानने के लिए पूरी कोशिश करेंगे और जो भी इसके लिए ज़िम्मेदार हैं वो बचेंगे नहीं. त्वरित ट्रायल करके हमलोग अपराधियों को सज़ा दिलवाएँगे.”

असमय मौत के कारण दुनिया को अलविदा कह देने वाले न्यायाधीश उत्तम आनंद के परिवार में उनकी पत्नी, बुज़ुर्ग माता-पिता, छोटे भाई के अलावा 16 और 13 वर्ष की दो बेटियाँ और 11 वर्षीय पुत्र हैं.

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