करगिल विजय दिवस 2021: शहीदों का किया जाएगा सम्मान, लद्दाख में जलाए गए 559 दीपक – Hindustan

भारत हर साल 26 जुलाई को ‘करगिल विजय दिवस’ मनाता है। इस दिन 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना ने जीत हासिल की थी। भारत को मिली जीत के 22 साल पूरे होने की खुशी में देशभर में जश्न की शुरुआत हो चुकी है। रविवार को तोलोलिंग, टाइगर हिल और दूसरी बड़ी लड़ाईयों को याद किया गया और इसी के साथ लद्दाख में द्रास क्षेत्र में करगिल युद्ध स्मारक पर 559 दीपक जलाए गए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस मौके पर तिलहटी में स्थित स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के लिए जाएंगे और पीएम मोदी इस दिन हर साल इंडिया गेट पर मौजूद अमर जवान ज्योति पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं। 

60 दिनों तक चले इस युद्ध में शहीद हुए भारत के सैनिकों को ‘करगिल विजय दिवस’ में याद किया जाता है। युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सैन्य टुकड़ियों को इस इलाके से हटा दिया था और अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था। 

‘करगिल विजय दिवस’ के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तोलोलिंग की तिलहटी में स्थित स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के लिए जाएंगे।  एजेंसियों ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत भी क’रगिल विजय दिवस’ समारोह में भाग लेंगे। 

‘करगिल विजय दिवस’ कारगिल युद्ध  में शहीद हुए नायकों के सम्मान में मनाया जाता है, जो मातृ भूमि की सेवा करते हुए शहीद हो गए थे। हर साल इस दिन, प्रधान मंत्री दिल्ली में इंडिया गेट पर ‘अनन्त लौ’, अमर जवान ज्योति पर सशस्त्र बलों को श्रद्धांजलि देते हैं। भारतीय सेना के योगदान को याद करने के लिए करगिल सेक्टर और देश भर में अन्य जगहों पर भी समारोह आयोजित किए जाते हैं।

कोरोना वायरस को देखते हुए ‘करगिल विजय दिवस’ के कार्यक्रम इस साल सीमित रहेंगे।  सेना के अधिकारियों ने समाचार एजेंसियों को बताया कि कोरोना वायरस के कारण ‘करगिल विजय दिवस 2021’ में  इस साल समारोह को कम किए जाएंगे। करगिल युद्ध की जीत के 22 साल पूरे होने के जश्न का बिगुल बजाने के लिए जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया था, लेकिन पूरे आयोजन के दौरान सभी कोविड -19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया गया।

तोलोलिंग, टाइगर हिल और दूसरी बड़ी लड़ाईयों को रविवार को याद किया गया और शहीदों को श्रद्धांजलि में लद्दाख के द्रास क्षेत्र में कारगिल युद्ध स्मारक पर 559 दीपक जलाए गए। 22वें करगिल विजय दिवस समारोह की शुरुआत के अवसर पर शीर्ष सैन्य अधिकारी, सेना के जवानों के परिवार के सदस्य और अन्य लोग मौजूद थे।
 

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