नई दिल्ली, एएनआइ। कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच चार बार के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल थावर चंद्र गहलोत को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। पिछले कई हफ्तों से येदियुरप्पा के बाहर होने और किसी और को मुख्यमंत्री की कमान सौंपने के कयास लगाए जा रहे थे। येदियुरप्पा ने अपनी सरकार के 2 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में कहा कि मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद उन्होंने कहा कि आलाकमान से उन पर कोई दवाब नहीं है।
इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए स्पष्ट किया था कि अंतिम निर्णय भाजपा आलाकमान द्वारा लिया जाएगा। मैं उनके हर फैसले का पालन करूंगा। मुझे अगले मुख्यमंत्री को लेकर कोई परेशानी नहीं है, चाहे वह दलित समुदाय से हों या किसी अन्य समुदाय से। मैं निर्णय को स्वीकार करूंगा।
I have decided to resign. I will meet the Governor after lunch: Karnataka CM BS Yediyurappa at a programme to mark the celebration of 2 years of his govt pic.twitter.com/sOn0lXAfeD
— ANI (@ANI)
July 26, 2021
बीएम येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते हैं, जो कर्नाटक का सबसे बड़ा समुदाय है जिसमें लगभग 17 प्रतिशत आबादी शामिल है। यह समुदाय 35 से 40 प्रतिशत विधानसभा सीटों का परिणाम निर्धारित कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक लिंगायत समुदाय में मजबूत पकड़ रखने वाले येदियुरप्पा की जगह किसी अन्य समुदाय से सीएम बनाना भारतीय जनता पार्टी के लिए अनुकूल नहीं होगा।
इस बीच मुख्यमंत्री पद के लिए कई नेताओं के नाम चर्चा में हैं। पंचमासली लिंगायत समुदाय कई महीनों से मुख्यमंत्री पद की मांग कर रहा है। बसनगौड़ा रामनगौड़ा पाटिल यतनाल, अरविंद बेलाड और मुरुगेश निरानी सहित समुदाय के भाजपा नेताओं को दौड़ में सबसे आगे माना जाता है। कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई का भी नाम लिया जा रहा है।
रविवार को विभिन्न लिंगायत मठों के संतों ने बेंगलुरु के पैलेस ग्राउंड में एक सम्मेलन आयोजित किया और येदियुरप्पा को अपना समर्थन दिया। बालेहोसुर मठ के डिंगलेश्वर स्वामी ने कहा कि येदियुरप्पा को नहीं बदला जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘येदियुरप्पा जी के नेतृत्व में समाधान खोजा जाना चाहिए। उन्हें बदला नहीं जाना चाहिए। अगर उन्हें हटाया जाता है तो कर्नाटक को और समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।’