कोरोना की तरह नहीं फैलता ब्लैक फंगस, डॉ. गुलेरिया ने बताया किसे सबसे ज्यादा खतरा – Navbharat Times

ब्‍लैक फंगस कोरोना की तरह एक से दूसरे व्‍यक्ति को नहीं फैलता है। यह कम्‍यूनिकेबल डिजीज नहीं है। कोरोना की चपेट में आ चुके डायबिटीज से पीड़‍ित लोगों को यह फंगल इंफेक्‍शन होने का ज्‍यादा खतरा है। एम्‍स के डायरेक्‍ट रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को यह जानकारी दी।

एम्स के डायरेक्‍टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि ब्‍लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लिहाजा, इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है। इस इंफेक्‍शन का ट्रीटमेंट जल्‍दी शुरू कर देने का फायदा होता है।

ब्‍लैक फंगस कोरोना की तरह एक से दूसरे व्‍यक्ति को नहीं फैलता है। यह कम्‍यूनिकेबल डिजीज नहीं है। कोरोना की चपेट में आ चुके डायबिटीज से पीड़‍ित लोगों को यह फंगल इंफेक्‍शन होने का ज्‍यादा खतरा है। एम्‍स के डायरेक्‍ट रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को यह जानकारी दी।

सिर में दर्द, एक तरफ आंख में सूजन, नाक बंद होना, चेहरे का एक ओर सुन्‍न होना इसके कुछ प्रमुख लक्षण हैं। जिन लोगों को डायबिटीज है या स्‍टेरॉयड ले रहे हैं, अगर उन्‍हें ये लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्‍हें तुरंत डॉक्‍टरी परामर्श लेकर टेस्‍ट करना चाहिए।

एम्स के डायरेक्‍टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि ब्‍लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लिहाजा, इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है। इस इंफेक्‍शन का ट्रीटमेंट जल्‍दी शुरू कर देने का फायदा होता है।

डॉक्‍टरी परामर्श के बगैर लोगों को स्‍टेरॉयड लेने से बचना चाहिए। जिन लोगों की इम्‍यूनिटी कम होती है, उन्‍हें ब्‍लैक फंगस (Mucormycosis) चपेट में लेता है। यह फेंफड़े, नाक, पाचन तंत्र में यह पाया जाता है।

तीसरी लरह से महफूज रहेंगे बच्चे
गुलेरिया ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बच्चों में संक्रमण बहुत कम देखा गया है। इसलिए अब तक ऐसा नहीं लगता है कि आगे जाकर कोविड की तीसरी लहर में बच्चों में कोविड संक्रमण देखा जाएगा।

लगातार 11वें दिन काेराेना संक्रमण के नए मामलों की तुलना में ज्यादा लोग ठीक हुए
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि देश में लगातार 11वें दिन काेराेना संक्रमण के नए मामलों की तुलना में ज्यादा लोग ठीक हुए। वहीं, संक्रमण दर घटकर 8.09 फीसदी हो गयी है। साप्ताहिक संक्रमण दर भी घटकर 12.66 फीसदी हो गयी है। देश में 10 मई को शीर्ष पर पहुंचने के बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कमी आ रही है।

पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 84,683 की कमी आने से अब 27,20,716 मरीज हैं। संक्रमण के कुल मामलों के 10.17 प्रतिशत मरीज उपचाराधीन हैं। कुल 71.62 फीसदी उपचाराधीन मरीज कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और ओडिशा में हैं।

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