आज का मौसम: चक्रवात टाउते का असर, आज भी दिल्‍ली-यूपी समेत कई राज्‍यों में बरसेंगे बादल – News18 हिंदी

चक्रवात का असर कई राज्‍यों पर पड़ रहा है. (File pic)

Weather Forecast Today: चक्रवात के पश्चिमी विक्षोभ के साथ संपर्क में आने की वजह से राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सहित कई राज्यों में बारिश होने का अनुमान है.

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नई दिल्‍ली. अरब सागर से उठे चक्रवात टाउते (Tauktae) ने मंगलवार देर रात राजस्‍थान (Rajasthan) में दस्‍तक दी थी. इसके बाद यह और कमजोर होकर निम्‍न दबाव के क्षेत्र में बदल गया. हालांकि इसके प्रभाव के कारण बुधवार को भी राजस्‍थान, उत्‍तर प्रदेश, दिल्‍ली, मध्‍य प्रदेश और उत्‍तराखंड के कई हिस्‍सों में बारिश दर्ज की गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार गुरुवार को भी इन राज्‍यों के अधिकांश हिस्‍सों में बारिश (Rain Alert) होगी. साथ ही तेज हवाएं भी चलने का अनुमान है. आईएमडी ने बताया कि गुजरात में भीषण बारिश का कारण बनने के बाद चक्रवात के पश्चिमी विक्षोभ के साथ सम्पर्क में आने की वजह से राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सहित कई राज्यों में बारिश होने का अनुमान है. अगले दो दिनों में इसके उत्तर पूर्व में राजस्थान से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर आगे बढ़ने का अनुमान है. वहीं चक्रवात टाउते के प्रभाव के कारण पूरे उत्‍तराखंड में भी बारिश का दौर जारी है. राज्‍य में 21 मई तक बारिश का अनुमान है. वहीं चमोली जिले में भी बारिश होती रही. जबकि हेमकुंड साहिब और बदरीनाथ धाम की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई है. केदारनाथ धाम समेत ऊंचाई वाले अन्‍य स्‍थानों पर भी बर्फबारी दर्ज की गई है. इसके अलावा तुंगनाथ धाम में भी बर्फबारी हुई है. मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र तट के कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. जबकि केरल, कोंकण और गोवा, मध्य प्रदेश के दक्षिण राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत, लक्षद्वीप, आंतरिक तमिलनाडु और आंतरिक कर्नाटक में कुछ तेज बारिश के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है.

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वहीं आईएमडी ने दिल्‍ली-एनसीआर के लिए बुधवार को ‘ऑरेंज’ चेतावनी जारी की थी. हालांकि गुरुवार को भी दिल्‍ली-एनसीआर में बारिश जारी रहेगी. साथ ही 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान जताया गया था.

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