Office of Principal Scientific Adviser to GoI issued a guideline to “Stop the Transmission, Crush the Pandemic – Masks, distance, sanitation and ventilation to prevent the spread of SARS-CoV-2 virus”
— ANI (@ANI) May 20, 2021
2 मीटर के दायरे में गिरती है ड्रॉपलेट्स भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने अपनी सलाह में कहा है कि एरोसोल और ड्रॉपलेट्स के जरिए वायरस का ट्रांसमिशन तेजी से होता है. एरोसोल हवा में 10 मीटर तक जा सकता है. सलाह में कहा गया है कि संक्रमित व्यक्ति के 2 मीटर के दायरे में ड्रॉपलेट्स गिरती हैं. एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर किसी संक्रमित शख्स में लक्षण नहीं भी हैं तब भी उससे पर्याप्त ड्रॉपलेट्स निकल सकती हैं जिससे और लोग भी संक्रमित हो सकते हैं.
सलाह में कहा गया है कि संक्रमित व्यक्ति द्वारा सांस छोड़ने, बात करने, बोलने, गाने, हंसने, खांसने या छींकने आदि के दौरान लार और नाक के जरिए ड्रॉपलेट्स और एरोसोल बन सकते हैं जो वायरस का ट्रांसमिशन फैला सकते हैं. एडवाइजरी में कहा गया है कि लोगों को डबल मास्क या एन95 मास्क पहनना चाहिए.
दिशानिर्देश में कहा गया है कि वायरस के ट्रांसमिशन को रोकने और संक्रमण दर को कम करने के लिए नागरिकों, समुदायों, स्थानीय निकायों और अधिकारियों का समर्थन और सहयोग आवश्यक है. ए़डवाइजरी में कहा गया है: ‘मास्क के उपयोग के साथ, वेंटिलेशन , दूरी और स्वच्छता, वायरस के खिलाफ लड़ाई जीती जा सकती है.’