Himanta Biswa Sarma: सोमवार 12 बजे लेंगे असम के CM पद की शपथ, कांग्रेस से आकर BJP में मुख्यमंत्री बनने वाले तीसरे नेता – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • बीजेपी नेता हिमंत बिस्व सरमा सोमवार को असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे
  • सरमा ने राज्यपाल जगदीश मुखी से मुलाकात कर सरकार गठन का दावा पेश किया
  • कांग्रेस से बीजेपी में आकर पूर्वोत्तर के राज्य में मुख्यमंत्री बनने वाले सरमा तीसरे नेता

नई दिल्ली/गुवाहाटी
कभी कांग्रेस में रहते हुए असम का मुख्यमंत्री बनने में सफल न होने वाले हेमंत बिस्वा सरमा का सपना अब बीजेपी में पूरा होने जा रहा है। बीजेपी विधायक दल की रविवार को हुई बैठक में नेता चुने जाने के बाद वह सोमवार को 12 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। कांग्रेस से बीजेपी में आकर पूर्वोत्तर के राज्य में मुख्यमंत्री बनने वाले वह तीसरे नेता होंगे। पूर्वोत्तर के ही बीजेपी शासित राज्य मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री भी पहले कांग्रेस में रह चुके हैं।

हेमंत बिस्वा सरमा की बात करें तो जुलाई 2014 में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी का दामन थामा था। तब वह कांग्रेस सरकार में शिक्षा मंत्री थे और मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। उनके साथ करीब 38 विधायक भी थे। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने उनकी मांग नजरअंदाज कर दिया था। तब हेमंत बिस्व सरमा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हुए थे। साल 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद तो वह मुख्यमंत्री बनने में सफल नहीं हुए, लेकिन इस बार 2021 के विधानसभा चुनाव में उनकी मेहनत को देखते हुए पार्टी ने निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की जगह उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह भी रह चुके हैं कांग्रेसी
बीजेपी शासित राज्य मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह भी कांग्रेस में रह चुके हैं। वर्ष 2002 में डेमोक्रेटिक रिवोल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी (डीआरपीपी) कंडिडेट के तौर पर पहला विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीरेन सिंह मंत्री बने। वर्ष 2007 में वह कांग्रेस के टिकट पर जीते और फिर सरकार में मंत्री बने। अक्टूबर, 2016 में बीरेन सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के खिलाफ बगावत करते हुए मणिपुर विधानसभा और कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे। 17 अक्टूबर, 2016 को बीजेपी में शामिल होने पर बीरेन सिंह को पार्टी प्रवक्ता और इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी का सहसंयोजक बनाया गया। 15 मार्च 2017 को वह अरुणाचल में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बने।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी कांग्रेसी

अरुणाचल प्रदेश के 41 वर्षीय युवा मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी कांग्रेस में रह चुके हैं। 2010 में कांग्रेस के तवांग जिलाध्यक्ष पद से करियर शुरू करने वाले पेमा खांडू, वर्ष 2011 में पिता की सीट मुक्तो से निर्विरोध विधानसभा चुनाव जीते थे। कांग्रेस सरकार में 37 वर्ष की उम्र में 17 जुलाई 2016 को खांडू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। नाराजगी के बाद 16 सितंबर 2016 को पेमा खांडू पार्टी के 43 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल हो गए और भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन सरकार बनाई।

Assam News: सोमवार 12 बजे असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे हिमंत बिस्व सरमा, राज्यपाल ने दिया न्योता
2019 में अरुणाचल प्रदेश की जीत पर खांडू बने मुख्यमंत्री

पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल ने खांडू के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो 31 दिसंबर 2016 को वह पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल के 33 विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और सरकार बनाई। 2019 में हुए अरुणाचल प्रदेश विधानसभा की 60 सीटों पर हुए चुनाव में बहुमत हासिल करते हुए 41 सीटों पर जीत दर्ज की। जिसके बाद फिर पेमा खांडू मुख्यमंत्री बने।

हेमंत बिस्वा सरमा आज लेंगे असम के मुख्यमंत्री पद की लेंगे शपथ
बीजेपी नेता हिमंत बिस्व सरमा सोमवार को यहां श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। सरमा ने रविवार को राजभवन में राज्यपाल जगदीश मुखी से मुलाकात कर सरकार गठन का दावा पेश किया। राज्यपाल ने दावे को स्वीकार करते हुए सरमा को सरकार गठन का न्योता दिया। इससे पहले दिन में बीजेपी और एनडीए विधायक दल के नेता चुने गए सरमा ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें गठबंधन के नवनिर्वाचित विधायकों की सूची सौंपी।












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दिन में 12 बजे राज्यपाल दिलाएंगे सरमा को मुख्यमंत्री पद की शपथ
श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में सोमवार को दिन में 12 बजे राज्यपाल सरमा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे। हालांकि, सरमा के साथ शपथ लेने वाले मंत्रियों के नामों या संख्या की जानकारी नहीं मिल पायी है। राजभवन में निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह, असम गण परिषद के नेता अतुल बोरा और केशव महंत तथा यूपीपीएल के नेता प्रमोद बोरो समेत अन्य नेता मौजूद थे।

मुख्यमंत्री पद को लेकर लग रही अटकलें भी खत्म

इसके साथ ही मुख्यमंत्री पद को लेकर लग रही अटकलें भी खत्म हो गयी हैं क्योंकि सोनोवाल और सरमा दोनों को दावेदार माना जा रहा था। बीजेपी नेतृत्व ने दोनों नेताओं को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए शनिवार को दिल्ली बुलाया था और ऐसी संभावना है कि सोनोवाल को केंद्र सरकार में स्थान मिलेगा। विधायक दल के नेता के रूप में सरमा का नाम पेश करने वाले सोनोवाल ने कहा, ”नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक सरमा मेरे लिये छोटे भाई के समान हैं। मैं उन्हें इस नयी यात्रा के लिये शुभकामनाएं देता हूं। वहीं, सरमा ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती सर्वानंद सोनोवाल ‘मार्गदर्शक’ बने रहेंगे।












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सरमा लगातार पांचवीं बार जलुकबाड़ी सीट से विधायक निर्वाचित
सरमा ने सर्वसम्मति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अपने संबोधन में कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सोनोवाल और अन्य पार्टी नेताओं के आभारी हैं, जिन्होंने राज्य के लोगों की सेवा करने का उन्हें मौका दिया। सरमा लगातार पांचवीं बार जलुकबाड़ी सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं। असम की 126 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन को 75 सीटें मिली हैं। भाजपा को 60 सीटें मिली हैं जबकि उसके गठबंधन साझेदार असम गण परिषद (एजीपी) व यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को क्रमश: नौ और छह सीटें मिली हैं। (इनपुट एजेंसी)

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