तीनों कृषि कानूनों के मुद्दे पर केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी है
New Farm Laws: सरकार डेढ़ साल तक के लिए नए कानूनों को निलंबित करना चाहती है. लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं है. आज दोनों पक्षों के बीच 11वें दौर की बातचीत होगी.
- News18Hindi
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Last Updated:
January 22, 2021, 1:22 PM IST
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पिछले साल सितंबर में संसद द्वारा इस कानून को पारित किया गया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सहमति के बाद 27 सितंबर को इसे आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किया गया था. बता दें कि संसद किसी भी कानून को निरस्त कर सकती है. लेकिन संविधान या संसदीय प्रक्रिया में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है जिससे कि किसी कानून को ठंडे बस्ते में डाला जा सके.
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क्या हैं दिक्कतें?सरकार का कहना है कि अगर किसान उनके प्रसताव को मान लेते हैं तो फिर आधिकारिक राजपत्र को रद्द करने के लिए नया नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. लेकिन कानून के जानकारों का कहना है कि ये इतना आसना नहीं है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कानून विशेषज्ञों ने कहा कि इसमें काफी सारी उलझने हैं. लोकसभा के पूर्व महासचिव, पी डी टी आचार्य ने कहा, ‘मेरे विचार में कानून को सरकार द्वारा ठंडे बस्ते में नहीं डाला जा सकता है. एक बार कानून संसद द्वारा पारित हो जाने के बाद सरकार केवल इसे लागू कर सकती है.’
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सरकार के पास दो विकल्प
लोकसभा के और पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप का कहना है, ‘मैंने ऐसी स्थिति नहीं देखी है, जहां सरकार खुद इस कानून के प्रभावी होने के बाद इसे ठंडे बस्ते में डालना चाहती है.’ आचार्य का कहना है कि कानून पर फिलहाल रोक लगाने का अधिकार सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के पास है न की सरकार के पास. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार इस कानून को वापस संसद लेकर जा सकती है. जहां इसमें संसोधन या फिर इसे रद्द करने का फैसला लिया जा सकता है.