बिहार: कैबिनेट विस्तार के लिए नए मंत्रियों के नामों पर अंतिम मुहर आज! जानें BJP का प्‍लान – News18 इंडिया

भाजपा व जदयू में मंत्रियों के नाम फाइनल होते ही सीएम नीतीश कुमार राज्यपाल फागू चौहान को लिस्ट सौंपेंगे. (फाइल फोटो)

बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल (Dr. Sanjay Jaiswal) सोमवार की शाम को ही दिल्ली चले गए. माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व की सहमति मिलते ही उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और भाजपा अध्यक्ष नये मंत्रियों के नामों की सूची मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को सौंप देंगे.

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  • Last Updated:
    January 19, 2021, 8:59 PM IST
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पटना. बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) को लेकर एनडीए (NDA) के भीतर आम सहमति नहीं होने की चर्चा से जहां सूबे के सियासी हलके में हलचल है, वहीं यह भी कहा जा रहा है कि 19 जनवरी (मंगलवार) शाम को नीतीश कैबिनेट में भाजपा कोटे से शामिल होने वाले नए मंत्रियों के नाम पर अंतिम मुहर लग जाएगी. इसके बाद एक-दो दिनों के अंदर ही कैबिनेट विस्‍तार हो जाएगा. हालांकि, अंदरखाने से यह खबर भी चर्चा में है कि अभी यह भी तय नहीं हुआ है कि भाजपा और जदयू (JDU) से कितने नये मंत्री कैबिनेट में शामिल होंगे. इस बात के संकेत सोमवार को सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के उस बयान से भी होता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि विस्तार तो होगा, लेकिन कब होगा यह तय नहीं है.

इस बीच, खबर यह भी है कि भाजपा ने अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर रखी है. इस वास्ते प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल सोमवार की शाम (18 जनवरी) को दिल्ली चले गए. माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व की सहमति मिलते ही उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल  नये मंत्रियों के नामों की सूची मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप देंगे.

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बिहार की सियासत में यह चर्चा भी आम है कि सुशील कुमार मोदी के राज्यसभा में जाने के बाद से भाजपा बिहार में नई टीम तैयार कर रही है. यह टीम आने वाले समय में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व के बावजूद दबाव से मुक्त होगी. उपमुख्यमंत्री के तौर पर तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी के बाद शाहनवाज हुसैन को आगे लाने से साफ है भाजपा इस दिशा में सोच रही है.राज्य में गठबंधन में अभी कई मौकों पर भाजपा सीएम नीतीश की पार्टी जेडीयू के साथ समझौता करती नजर आती थी, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार, भाजपा अनुभवी के बाद अब युवा नेताओं को सरकार में नेतृत्व देकर संतुलन कायम करने की कोशिश करेगी. हालांकि, कैबिनेट विस्तार के कुछ वरिष्ठ नेताओं को मौका देने के साथ ही जातीय समीकरण को भी साधने की पूरी तैयारी होगी.

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