स्वदेशी कोवीशील्ड वैक्सीन का डोज लेने वाले वॉलंटियर ने मांगा 5 करोड़ हर्जाना; कहा- दिमागी समस्याएं आ रहीं

कोरोना की वैक्सीन कोवीशील्ड (Covidshield Vaccine) के गंभीर साइड इफेक्ट होने का आरोप लगा है। चेन्नई में ट्रायल के दौरान वैक्सीन लगवाने वाले एक 40 साल के वॉलंटियर ने यह आरोप लगाया है। कहा कि वैक्सीन का डोज लेने के बाद से उसे न्यूरोलाजिकल समस्याएं (दिमाग से जुड़ी परेशानी) शुरू हो गई हैं। वॉलंटियर ने इसके लिए सीरम इंस्टीट्यूट से 5 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है।

वॉलंटियर ने सीरम इंस्टीट्यूट के साथ इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) , ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI), ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ट्रायल के चीफ इन्वेस्टीगेटर एंड्र पोलार्ड, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के द जेनर इंस्टीट्यूट ऑफ लेबोरेटरीज और रामचंद्र हायर एजुकेशन एंड रिसर्च के वाइस चांसलर को कानूनी नोटिस भेजा है। वॉलंटियर के एडवोकेट एनजीआर प्रसाद ने बताया कि को 21 नवंबर को नोटिस भेजा था। अभी तक किसी का जवाब नहीं आया है।

90% से ज्यादा असरदार होने का दावा

कोवीशील्ड के अंतिम फेज के ट्रायल्स दो तरह से किए गए हैं। पहले में दावा किया गया कि यह 62% असरदार दिखी, जबकि दूसरे में 90% से ज्यादा। औसत देखें तो इफेक्टिवनेस 70% के आसपास रही है। SII के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव ने हाल ही में दावा किया था कि वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है।जनवरी से हर महीने 5-6 करोड़ वैक्सीन बनाने लगेंगे। सरकार से परमिशन मिलने पर सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।

एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने सीरम इंस्टीट्यूट का जायजा लिया था

पुणे-बेस्ड सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कोवीशील्ड बना रहा है। कोवीशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने मिलकर बनाया है। यह वैक्सीन इस समय भारत में आखिरी स्टेज के ट्रायल में है। शनिवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीरम इंस्टीट्यूट जाकर वैक्सीन के तैयार होने का जायजा लिया था।

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वॉलंटियर ने सीरम इंस्टीट्यूट समेत कई संस्थानों को लीगल नोटिस भेजा है। अभी तक इसका जवाब कहीं से नहीं मिला है।

Source: DainikBhaskar.com

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