जहां बन रही कोरोना वैक्‍सीन, वहां जा रहे पीएम मोदी, यहां पहले फेज में स्‍टोर होंगी 20 लाख डोज – नवभारत टाइम्स

भारत ने तय किया है कि वह ऑक्‍सफर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन के दो फुल डोज वाले ट्रायल डेटा पर विचार करेगी। फुल डोज में वैक्‍सीन 62% तक असरदार थी जबकि डेढ़ डोज देने पर 90% तक असर देखा गया। डोजिंग में गड़बड़ी को लेकर एस्‍ट्राजेनेका के डेटा पर सवाल उठ रहे थे। यह वैक्‍सीन भारत में ‘कोविशील्‍ड’ नाम से उपलब्‍ध होगी। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को सेंट्रल ड्रग स्‍टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) से प्री-क्लिनिकल टेस्‍ट के लिए इस वैक्‍सीन के उत्‍पादन की अनुमति मिल चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पुणे स्थित SII के ऑफिस/प्‍लांट जाएंगे। वह हैदराबाद और अहमदाबाद में भी वैक्‍सीन मैनुफैक्‍चरिंग फैसिलिटीज का जायजा लेंगे।

तीन-तीन वैक्‍सीन सेंटर्स का दौरा करने जा रहे पीएम मोदी



पीएम मोदी 28 नवंबर को पुणे में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का दौरा करेंगे। वह हैदराबाद भी जाएंगे जहां भारत बायोटेक का ऑफिस है जिसने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर Covaxin नाम से स्‍वदेशी कोरोना वैक्‍सीन तैयार की है। इस वैक्‍सीन का फेज 3 ट्रायल चल रहा है। मोदी का कार्यक्रम अहमदाबाद जाने का भी है।अहमदाबाद में जायडस कैडिला की फैसिलिटी है जिसने ZyCov-D नाम से वैक्‍सीन बनाई है जो फेज 2 ट्रायल में है।

तीनों वैक्‍सीन का क्‍या है स्‍टेटस?



पीएम मोदी जिन तीन अलग-अलग वैक्‍सीन सेंटर्स का दौरा करेंगे, वहां अलग-अलग वैक्‍सीन पर काम चल रहा है। Covishield रेस में सबसे आगे है और इसके दिसंबर अंत तक इमर्जेंसी रोलआउट की उम्‍मीद है। SII की योजना है कि यूनाइटेड किंगडम में वैक्‍सीन को इमर्जेंसी अप्रूवल मिलते ही भारत में भी इसके लिए अप्‍लाई कर दिया जाए। कंपनी वैक्‍सीन का रिस्‍क प्रॉडक्‍शन पहले से ही कर रही है। वहीं, Covaxin का देशभर में अंत‍िम चरण का ट्रायल जारी है। यह वैक्‍सीन भारत में ही डिवेलप हुई है और इसके 2021 की पहली तिमाही तक आने की संभावना है। जायडस कैडिला की ZyCov-D का भी इंसानों पर ट्रायल चल रहा है। कंपनी को उम्‍मीद है कि अगले साल की दूसरी तिमाही तक वैक्‍सीन लॉन्‍च के लिए उपलब्‍ध हो सकती है।

वैक्‍सीन कैसे बनती है, स्‍टॉक कैसे तैयार होगा, सब देखेंगे मोदी



प्रधानमंत्री मोदी तीनों वैक्‍सीन सेंटर्स पर जाकर तैयारियों को परखेंगे। वह वैक्‍सीन प्‍लांट में यह समझेंगे कि वैक्‍सीन का डिवेलपमेंट प्रोसेस क्‍या है, कैसे उसकी बॉटलिंग होती है और फिर स्‍टॉक कैसे तैयार किया जाता है। वह वैक्‍सीन रोलआउट की तैयारियों का जायजा भी लेंगे। उनके साथ कोविड वैक्‍सीन पर बने एक्‍सपर्ट पैनल के सदस्‍य भी हो सकते हैं। दुनियाभर के 100 से भी ज्‍यादा देशों के राजदूत भी 4 दिसंबर को पुणे आकर SII और जेनोवा फार्मास्‍यूटिकल्‍स की फैसिलिटीज देखेंगे।

RGSSH में होगी दिल्‍ली की पहली वैक्‍सीन स्‍टोरेज फैसिलिटी

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दिल्‍ली सरकार ने राजीव गांधी सुपर स्‍पेशियलिटी हॉस्पिटल (RGSSH) में राजधानी की पहली कोविड-19 वैक्‍सीन स्‍टोरेज फैसिलिटी बनाने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्रालय की टीम यहां का सर्वे करके अप्रूवल दे चुकी है। 5,000 वर्ग मीटर के इलाके को कोल्‍ड स्‍टोरेज फैसिलिटी में बदला जाएगा। दिल्‍ली के टीकाक‍रण अधिकारी सुरेश सेठ के मुताबिक, ‘हमारे पास 600 कोल्‍ड स्‍टोरेज पॉइंट्स और 1,800 आउटरीच साइट्स हैं जिनका बच्‍चों के टीकाकरण कार्यक्रम में इस्‍तेमाल होता है। दिल्‍ली सरकार अभी वैक्‍सीन की प्रॉयरिटी लिस्‍ट तैयार कर रही है।

पुणे में 20 लाख डोज स्‍टोर करने का इंतजाम

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पुणे में वैक्‍सीन रोलआउट की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। टीकाकरण के पहले चरण के तहत यहां पर 20 लाख वैक्‍सीन डोज स्‍टोर करने की क्षमता विकसित की जा रही है। अभी यहां पर 5-6 लाख डोज स्‍टोर करने की क्षमता है। राज्‍य वैक्‍सीन टास्‍क फोर्स के सदस्‍य डॉ शशांक जोशी ने कहा क‍ि उम्‍मीद है कि दिसंबर के आखिर या जनवरी के पहले हफ्ते में वैक्‍सीन को अप्रूवल मिल सकता है।

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