Munger Firing : मुंगेर का बवाल क्या चुनाव में बनेगा एनडीए के लिए ‘जी का जंजाल’ – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • मानवजीत सिंह ढिल्लो को मुंगेर के नये एसपी और IAS रचना पाटिल बनी मुंगेर की डीएम : सूत्र
  • वीडियो वायरल होने से मुंगेर का बिगड़ा माहौल
  • क्या चुनाव में मुंगेर की घटना का खामियाजा भुगतना पड़ेगा एनडीए को ?
  • कांग्रेस ने दी मुंगेर की घटना को नरसंहार की संज्ञा

नीलकमल, पटना
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले चरण के मतदान के ठीक एक दिन पहले मुंगेर में प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुआ बवाल अब राजनीतिक रूप ले चुका है। मुंगेर के डीएम राजेश मीणा और एसपी लिपि सिंह को चुनाव आयोग द्वारा हटा दिया गया है। वहीं इस घटना को लेकर नीतीश सरकार पर विपक्ष का हमला और भी तेज हो गया है। बताया गया कि आज ही मुंगेर में नए डीएम, एसपी की तैनाती की जाएगी।सूत्र की माने तो IPS मानवजीत सिंह ढिल्लो को मुंगेर का नया एसपी बनाया गया है और IAS अधिकारी रचना पाटिल को मुंगेर का नया डीएम बनाया गया है। बता दें कि इन दोनो अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नही की गई है।

आज भी मुंगेर में हुआ है बड़ा बवाल
मिली जानकारी के मुताबिक मुंगेर में पुलिस की फायरिंग से घायल एक अन्य युवक की मौत की खबर ने लोगों के आक्रोश को और भी बढ़ा दिया। बता दें कि आज मुंगेर के व्यवसाई संघ ने मुंगेर बंद का भी आह्वान किया था। आज आक्रोशित भीड़ की वजह ने शहर के विधि व्यवस्था बिगड़ गई और लोगों ने सड़क पर जमकर हंगामा किया। बताया जाता है कि पुलिस फायरिंग से नाराज आक्रोशित लोगों की भीड़ ने कई स्थानों और पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी है। इसके अलावा आक्रोशित लोगों की भीड़ एसपी आफिस के बाहर पहुंचकर ना सिर्फ प्रदर्शन किया बल्कि दफ्तर पर पथराव भी किया।

मगध डिवीजन के कमिश्नर असंगबा चुबा जांच कर 7 दिन के अंदर सौपेंगे रिपोर्ट
मुंगेर की घटना पर चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डीएम राजेश मीणा और पुलिस एसपी लिपि सिंह को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। बताया गया कि निर्वाचन आयोग ने इस पूरे मामले की जांच मगध डिवीजन के कमिश्नर असंगबा चुबा से कराने का निर्देश जारी किया है। इस घटना को लेकर निर्वाचन आयोग ने 7 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट भी मांगी है। बता दें कि पुलिस फायरिंग के बाद आक्रोशित लोगों ने मंगलवार को ही मुंगेर के एसपी और डीएम को हटाने की मांग के साथ कार्रवाई करने की मांग की थी। सूत्र बताते हैं कि मुंगेर के डीएम और एसपी पर बुधवार को ही कार्रवाई की जानी थी। लेकिन मतदान की प्रक्रिया प्रभावित ना हो जिसकी वजह से चुनाव आयोग ने एक दिन बाद डीएम और एसपी को हटाने का काम किया है।

वीडियो वायरल होने से मुंगेर का बिगड़ा माहौल
मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार की आधी रात मुंगेर के शादीपुर में बड़ी दुर्गा जी के विसर्जन के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और फायरिंग के बाद बवाल बढ़ने लगा था। अब पुलिस की ओर से सफाई में यह कहा जा रहा है कि मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस द्वारा दिए जा रहे दिशानिर्देश का उल्लंघन किया गया। इसके बाद भीड़ की ओर से पुलिस पर जमकर पत्थरबाजी और फायरिंग की गई। पुलिस की ओर से यह बताया गया कि आक्रोशित लोगों की तरफ से चलाई गई गोली और पथराव से करीब 20 पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल हो गए थे। पुलिस प्रशासन की ओर से सफाई के तौर पर यह भी कहा गया कि हालात को काबू करने के लिए ही पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इसी दौरान एक युवक की मौत हो गई थी। बता दें कि इस घटना में कई लोग घायल हुए और पुलिस ने 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। बताया गया कि बवाल बढ़ने पर पुलिस ने और फोर्स बुलाकर मूर्ति विसर्जन में गए लोगों पर जमकर लाठियां बरसाईं। पुलिस द्वारा किए जा रहे पिटाई के इसी वीडियो के वायरल हो जाने की वजह से मुंगेर में स्थिति लगभग बेकाबू सी हो गई थी।

भीड़ को तितर-बितर करने के लिए क्या है नियम
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर यह बताया कि मुंगेर में प्रतिमा विसर्जन के दौरान लोगों पर काबू पाने के लिए की गई पुलिस कार्रवाई में नियमों की अनदेखी की गई है। पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि पुलिस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए न्यूनतम बल का प्रयोग भीड़ द्वारा अवरोध पैदा करने पर अधिकतम संख्या बल भी निर्धारित है। जिसका अभाव मुंगेर की घटना में साफ तौर पर देखा जा सकता है।

क्या चुनाव में मुंगेर की घटना का खामियाजा भुगतना पड़ेगा एनडीए को ?
मुंगेर में घटी घटना पर एक तरफ जहां जेडीयू और बीजेपी के नेता खुलकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। वही विपक्ष ने मुंगेर की घटना को तुरुप की पत्ते की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। बता दें कि मुंगेर की घटना को राजनीतिक रूप देने से इसका असर मतदान के दौरान भी देखने को मिल सकता है। हालांकि सरकार की ओर से यह लगातार कहा जा रहा है कि जांचोपरांत कार्रवाइ की जाएगी। लेकिन यह सब को पता है कि मुंगेर की एसपी लिपि सिंह जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह की पुत्री है। ऐसे में विपक्ष हाथ में आए इस मौके को गवांना नही चाहती। यही वजह है कि विपक्ष द्वारा अब बीजेपी और जेडीयू को धार्मिक मुद्दे पर ही घेरने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।

कांग्रेस ने दी मुंगेर की घटना को नरसंहार की संज्ञा
मुंगेर की घटना को राजनीति रंग देते हुए बुधवार को महागठबंधन के नेताओं ने जमकर नीतीश सरकार पर हमला बोला। बुधवार को मुंगेर की घटना को नरसंहार की संज्ञा देते हुए कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री से नीतीश सरकार को बर्खास्त करने की मांग की थी। सुरजेवाला ने कहा था कि प्रधानमंत्री में थोड़ी सी भी मां दुर्गा के प्रति भक्ति है तो वह मां दुर्गा के भक्तों पर गोली चलाने वाले बिहार सरकार को बर्खास्त करें। मुंगेर की घटना के बाद कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निर्दयी कुमार और सुशील मोदी को निर्मम मोदी बताया है। उन्होंने कहा कि मुंगेर की घटना से यह साबित हो गया है कि बिहार में निर्लज्ज और निठूर सरकार है। रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो प्रदेश के गृह मंत्री भी है वह जवाब क्यों नहीं देते।

तेजस्वी यादव ने भी मुंगेर की घटना पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मांगा जबाब
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुंगेर की घटना पर बिहार और केंद्र सरकार पर हमला करते हुए मुंगेर की एसपी लिपि सिंह की तुलना जनरल डायर तक से कर दी। तेजस्वी ने सरकार से यह भी पूछा कि पुलिस को ऐसा करने का आदेश किसने दिया। मुंगेर की घटना को की भर्त्सना करते हुए तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया है कि बिहार पुलिस को जनरल डायर बनने का आदेश किसने दिया। तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ राज्य के गृह मंत्री भी हैं उन्हें मुंगेर की घटना पर जवाब देना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर भी निशाना साधा की साधते हुए कहा कि उन्होंने ट्वीट करने के अलावा आज तक कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की ओर से लगातार यह कहा जा रहा है कि बिहार में विधि व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। मुंगेर में जिस प्रकार से नौजवानों को के ऊपर बर्बरता पूर्वक कार्रवाई की गई है वह बिहार के हालात को बताने के लिए काफी है। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि बिहार के उपमुख्यमंत्री ने तो पितृपक्ष के मौके पर अपराधियों से अपील किया था कि अपराधी पितृपक्ष के समय अपराध ना करें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इससे अनुमान लगाना कठिन नहीं है कि जब बिहार का उपमुख्यमंत्री अपराधियों से अपराध ना करने की अपील करता हो तो उस राज्य में विधि व्यवस्था कैसी होगी।

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