मुंगेर में भीड़ ने नहीं, पुलिस ने फायरिंग की शुरुआत की थी; CISF की इंटरनल रिपोर्ट से खुलासा

मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन जुलूस के दौरान 26 अक्टूबर की रात फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत के मामले में बिहार पुलिस की चूक का खुलासा हुआ है। बिहार पुलिस का दावा था कि उपद्रव कर रहे लोगों ने फायरिंग की थी और उपद्रवियों की गोली से एक की मौत हुई थी। हालांकि, भास्कर को मिली CISF की इंटरनल रिपोर्ट के मुताबिक, फायरिंग की शुरुआत मुंगेर पुलिस ने की थी।

CISF की इंटरनल रिपोर्ट में इसे हवाई फायर बताया गया है। रिपोर्ट को CISF के पटना स्थित ईस्ट रेंज के डीआईजी ने तैयार किया है। उन्होंने इंटरनल रिपोर्ट 27 अक्टूबर को तैयार की और ईस्ट जोन के आईजी और दिल्ली स्थित मुख्यालय को भेजा। विवाद किस वजह से हुआ, घायलों और जान गंवाने वाले लोगों को किसकी गोली लगी और घटना के लिए जिम्मेदार कौन है, इसकी जांच चुनाव आयोग ने मगध के डिविजनल कमिश्नर असंगबा चुबा को सौंपी है।

रिपोर्ट की कॉपी भास्कर के पास मौजूद
रिपोर्ट कहती है, ‘‘26 अक्टूबर की रात 11 बजकर 20 मिनट पर CISF के 20 जवानों की टुकड़ी, मुंगेर कोतवाली थाना के कहने पर मूर्ति विसर्जन की सुरक्षा ड्यूटी के लिए जिला स्कूल स्थित कैंप से भेजी गई। राज्य पुलिस ने इन 20 जवानों को 10-10 के दो ग्रुप में बांट दिया। इनमें से एक ग्रुप को SSB और बिहार पुलिस के जवानों के साथ दीनदयाल उपाध्याय चौक पर तैनात किया गया।’’

‘‘रात के करीब 11 बजकर 45 मिनट पर विसर्जन यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और लोकल पुलिस के बीच विवाद शुरू हुआ। इसकी वजह से कुछ श्रद्धालुओं ने पुलिस और सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी थी। हालात को काबू करने के लिए लोकल पुलिस ने सबसे पहले हवाई फायरिंग की। इसकी वजह से श्रद्धालु ज्यादा उग्र हो गए और पत्थरबाजी तेज कर दी।’’

‘‘हालात काबू से बाहर होते देख CISF के हेड कांस्टेबल एम गंगैया ने अपने इंसास राइफल से 5.56 एमएम की 13 गोलियां हवा में फायर कीं। इसी की वजह से उग्र भीड़ तितर-बितर हुई। CISF जवानों के साथ एसएसबी और पुलिस के जवान अपने-अपने कैंप में सुरक्षित लौट सके।’’

मुंगेर में आखिर हुआ क्या?
घटना सोमवार रात की है। यहां परंपरा के मुताबिक डोली और कहार के कंधे पर बड़ी, छोटी दुर्गा और बड़ी काली की प्रतिमा विसर्जित होती है। प्रशासन बड़ी दुर्गा से पहले शंकरपुर की प्रतिमा विसर्जित करना चाहता था। इसी बात पर विवाद बढ़ा। फायरिंग में 18 साल के लड़के की मौत हेा गई। फिर पुलिस ने सभी दुर्गा प्रतिमाओं को अपने कब्जे में ले लिया और अगले दिन सुबह विसर्जित करा दिया।

एसपी ने कहा था- असामाजिक तत्वों ने फायरिंग की थी
एसपी लिपि सिंह ने मुंगेर में प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा को असामाजिक तत्वों की हरकत बताया था। उन्होंने कहा था कि पुलिस को निशाना बनाकर असामाजिक तत्वों ने पथराव किया और भीड़ पर फायरिंग कर शहर में अफवाह फैलाई।

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तस्वीर मुंगेर की एक पुलिस चौकी की है। यहां पुलिस फायरिंग की घटना से खफा भीड़ ने गुरुवार को वाहन फूंक दिए।

Source: DainikBhaskar.com

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