Munger Firing : मतदान के बीच तेजस्वी ने मुंगेर फायरिंग पर JDU-BJP को घेरा, ‘SP लिपि सिंह को जनरल डायर बनने का अधिकार किसने दिया?’ – Navbharat Times

पटना:
बिहार चुनाव में पहले चरण के मतदान के दौरान ही महागठबंधन ने JDU और BJP को मुंगेर फायरिंग पर घेर लिया है। 28 अक्टूबर की सुबह-सुबह ही कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी और JDU की सरकार पर हमला बोल दिया। सुरजेवाला ने कहा है कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर आपने थोड़ा सा भी विवेक बचा है तो मां दुर्गा के भक्तों पर गोली चलाने वाले और उनकी हत्या करनेवाली सरकार को बर्खास्त करके जाइएगा।’

दरअसल आज पीएम मोदी की बिहार में रैली भी है। इसी को लेकर सुरजेवाला ने उनपर भी तंज कसा है। सुरजेवाला यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि ‘अगर नीतीश कुमार और सुशील मोदी की सरकार को प्रधानमंत्री ने बर्खास्त नहीं किया तो ये साफ हो जाएगा कि कहीं न कहीं उनकी प्रत्यक्ष या परोक्ष चरित्रता इसमें है। साथ ही ये भी साफ हो जाएगा कि संस्कार और संस्कृति भारतीय जनता पार्टी के लिए कुर्सी पर बैठने का विषय है, विश्वास का विषय नहीं। इसलिए आज पीएम अगर बिहार की धरती पर आए हैं तो उन्हें बिहार की 12 करोड़ जनता को ये जवाब देना होगा।’

तेजस्वी ने SP लिपि सिंह को कहा जनरल डायर
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुंगेर की एसपी और JDU सांसद आरसीपी सिंह की बेटी लिपि सिंह पर तीखा हमला बोला है। तेजस्वी यादव ने सवाल उठाते हुए कहा है कि ‘लिपि सिंह जनरल डायर बनने का अधिकार किसने दिया।मुंगेर की घटना मामूली नहीं है। हाई कोर्ट की निगरानी में मामले की सख्ती से जांच की जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।’ मुंगेर की घटना को की भर्त्सना करते हुए तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया है कि बिहार पुलिस को जनरल डायर बनने का आदेश किसने दिया। तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ राज्य के गृह मंत्री भी हैं उन्हें मुंगेर की घटना पर जवाब देना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने ट्वीट करने के अलावा आज तक कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की ओर से लगातार यह कहा जा रहा है कि बिहार में विधि व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। मुंगेर में जिस प्रकार से नौजवानों को के ऊपर बर्बरता पूर्वक कार्रवाई की गई है वह बिहार के हालात को बताने के लिए काफी है। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) ने तो पितृपक्ष के मौके पर अपराधियों से अपील तक कर दी थी कि अपराधी पितृपक्ष के समय अपराध ना करें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इससे अनुमान लगाना कठिन नहीं है कि जब बिहार का उपमुख्यमंत्री अपराधियों से अपराध ना करने की अपील करता हो तो उस राज्य में विधि व्यवस्था कैसी होगी।

क्या हुआ है मुंगेर में
बताया जा रहा है कि सोमवार की आधी रात को मुंगेर के शादीपुर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस ने युवकों पर लाठीचार्ज किया। पुलिस की पिटाई के बाद भीड़ उग्र हो गई और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाद में बचाव के लिए पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। फायरिंग में करीब 25 लोग घायल भी हो गए, जिनका इलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा है।

अब पुलिस प्रशासन का जवाब जानिए
मुंगेर के डीएम राजेश मीणा और एसपी लिपि सिंह ने इस मामले में सफाई भी दी है। उन्होंने घटना के दो अलग-अलग वीडियो क्लिप जारी किए है। एसपी लिपि सिंह ने कहा कि विसर्जन के दौरान असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिसमें करीब 20 जवान घायल हो गए। एक पुलिस अधिकारी को गंभीर चोट आई है।

एसपी लिपि सिंह ने यह भी कहा कि पथराव के बाद असामाजिक तत्वों की ओर से गोलीबारी की गई जिसमें एक युवक की मौत हो गई। डीएम राजेश मीणा ने बताया कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है।












मुंगेर मामला: एसपी लिपि सिंह ने कहा- असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर किया हमला, डीआईजी और जिलाधिकारी ने कही ये बात

सीनियर आईपीएस ने लिपि सिंह की कार्रवाई को बताया गलत
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुंगेर में हुई हिंसा में एक शख्स की मौत को लेकर पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। प्रतिमा विसर्जन के दौरान कथित तौर पर हुई पुलिस फायरिंग को लेकर मुंगेर एसपी लिपि सिंह भी निशाने पर हैं। सोशल मीडिया पर लिपि सिंह ट्रेंड कर रही हैं और उनकी तुलना लोग जनरल डायर तक से कर रहे हैं। इस बीच बेंगलुरु में तैनात सीनियर आईपीएस अधिकारी डी रूपा ने मुंगेर एसपी को नसीहत दी है।

मुंगेर में हुई झड़प का विडियो शेयर करते हुए कर्नाटक सरकार की गृह सचिव डी रूपा ने कहा कि प्रतिमा विसर्जन के दौरान लोगों को काबू करने के लिए पुलिस कार्रवाई में नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं। अपने आधिकारिक ट्विटर से डी रूपा ने ट्वीट किया, ‘सीआरपीसी में अनियंत्रित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस के न्यूनतम बल का उपयोग और भीड़ के अवरोध पैदा करने पर फोर्स की उचित संख्याबल निर्धारित है।’

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