अयोध्या में 6 दिसंबर, 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में 28 साल बाद अदालत का फैसला आया। ढांचा गिराने के सभी आरोपियों को बरी करते हुए कोर्ट ने कहा कि इतने वक्त में सीबीआई किसी आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत जमा नहीं कर सकी।
बाबरी ढांचा गिराने के 32 आरोपियों में साध्वी ऋतंभरा, उमा भारती, विनय कटियार, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह शामिल थे। आडवाणी, मुरली मनोहर और कल्याण सिंह के बयान चर्चा में आए, जबकि ऋतंभरा, उमा और कटियार के बयान विवादों में रहे। हम आपको इन्हीं बयानों के बारे में बता रहे हैं। ये सभी भाषण सोशल मीडिया से लिए गए हैं और इनके बारे में यह साफ नहीं है कि ये बयान किस तारीख को दिए गए थे। वीडियो में देखें 6 नेताओं के 6 बयान…
1. साध्वी ऋतंभरा
साध्वी ऋतंभरा ने कहा था कि जहां बनी है मस्जिद, मंदिर वहीं बनाएंगे। इस भाषण में ऋतंभरा ने अयोध्या के साथ काशी-मथुरा का भी जिक्र किया था।
2. उमा भारती
उमा भारती बाबरी ढांचा गिराए जाने के वक्त अयोध्या में ही मौजूद थीं। मंच से भाषण देते हुए उन्होंने कहा था कि अगर सरकार ये सोचती है कि गोलियां चलने के डर से ये इमारत नहीं गिरेगी, तो ऐसा नहीं है। गोलियां कम पड़ जाएंगी, लेकिन सीने कम नहीं पड़ेंगे।
3. विनय कटियार
मंदिर आंदोलन के सक्रिय नेताओं में शामिल रहे विनय कटियार ने भीड़ के सामने दिए अपने भाषण में कहा था कि जिस दिन रामलला की मूर्तियां हटाने की कोशिश की गई, तो उस दिन ये ढांचा हट जाएगा।
4. कल्याण सिंह
उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने माना था कि उन्होंने प्रशासन को कारसेवकों पर गोली नहीं चलाने के आदेश दिए थे। साथ ही उन्होंने इस पर अफसोस न होने की बात भी कही थी।
5. मुरली मनोहर जोशी
मुरली मनोहर जोशी ने बाबर को हमलावर कहते हुए उसके नाम पर न रोने की नसीहत दी थी। साथ ही ये दलील भी दी थी कि भारत के सभी नागरिक राम के वंशज हैं।
6. लालकृष्ण आडवाणी
राम मंदिर के लिए रथ यात्रा की अगुआई करने वाले बाबरी ढांचा टूटने के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने इस पर अफसोस जताया था। उन्होंने माना था कि ये नेतृत्व की विफलता थी। ढांचा ढहाया जाना भाजपा की योजना में शामिल नहीं था, न ही पार्टी ऐसा चाहती थी।
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Source: DainikBhaskar.com