हरिवंश भी अब बिहार में चुनावी मुद्दा, रविशंकर बोले- मार्शल नहीं आते तो हो सकता था हमला – दैनिक जागरण

नई दिल्ली, जेएनएन/एजेंसियां। चुनावी माहौल में हर मुद्दा भुनाने की कोशिश होती है और राज्यसभा में जिस तरह जद यू सदस्य व उपसभापति हरिवंश के साथ विपक्ष ने अमर्यादित आचरण किया उसे भाजपा ने बिहार की प्रतिष्ठा से जोड़ने में चूक नहीं की। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे धार देते हुए कहा, ‘हरिवंश जी देश और बिहार के सम्मानित बुद्धिजीवी, लेखक और पत्रकार हैं। उनका बिहार के लोग बेहद सम्मान करते हैं। ऐसे में रविवार को उनके साथ कांग्रेस और राजद की मौजूदगी में जो कुछ भी हुआ वह बिहार का अपमान है।’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यदि उस समय वहां पर मार्शल न होते और उन्हें न बचाते तो उस समय उन पर शारीरिक हमला भी हो सकता था।’ उन्होंने कहा कि पूरा देश देख रहा था कि हरिवंश जी ने विपक्षी सदस्यों को बार-बार किस तरह से सीट पर जाने का अनुरोध किया, लेकिन वह उनकी बात नहीं सुन रहे थे।

इससे पहले राज्यसभा में भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने इसे मुद्दा बनाया और कहा, ‘हरिवंश जी के साथ विपक्ष का रविवार को जिस तरह का अमर्यादित आचरण था, वह संसदीय गरिमा के साथ बिहार और देश का भी अपमान है। बिहार के चुनाव में यह मुद्दा बनेगा और जनता ऐसे लोगों को सबक भी सिखाएगी।’

राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और कहा, ‘हरिवंश जी के साथ जो कुछ हुआ, उसे हम लोग एक तरह से हमला मानते हैं। संपूर्ण बिहार में इसका गलत संदेश गया है। इससे बिहार के लोगों में भारी आक्रोश है।’ बता दें कि रविवार को राज्यसभा में कृषि विधेयक के मसले पर हुए हंगामे के मामले में विपक्ष के आठ सदस्यों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।

निलंबित सदस्यों के सदन से बाहर नहीं जाने और सदन में हंगामा जारी रहने के कारण सदन की कार्यवाही भी बाधित हुई। राज्‍यसभा में हंगामे के चलते पहले चार बार फि‍र बाद में पूरे दिन के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई। यही नहीं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उपसभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को सदन में हुए हंगामे का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ विपक्षी सदस्यों का आचरण दुखद, निंदनीय अस्वीकार्य है। 

निलंबित किए गए सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, आप के संजय सिंह, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम शामिल हैं। बताया जाता है कि सभापति ने निलंबित किए गए सदस्यों को बार बार सदन से बाहर जाने के लिए कहा लेकिन वे सदन से बाहर नहीं गए। इस दौरान सदन में हंगामा जारी रहा।  इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा में हंगामे को लेकर आठ सांसदों को निलंबित किए जाने के फैसले की निंदा करते हुए कहा है कि यह फैसला सरकार की निरंकुश मानसिकता को दर्शाता है।  

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