कृषि बिल को लेकर राज्यसभा से निलंबित हुए सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे हरिवंश -आज की बड़ी ख़बरें – BBC हिंदी

केंद्र सरकार ने संसद में सोमवार को बताया कि चीन से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा वापस लेने का फिलहाल कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.

बीजपी के सांसद मनोज कोटक ने सरकार से ये सवाल पूछा था कि क्या केंद्र सरकार चीन से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने पर विचार कर रही है.

बाद में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि देश के निर्यात में सुधार हो रहा है.

सोमवार को लोकसभा में केंद्र सरकार ने बताया कि अप्रैल से अगस्त के महीने के दौरान भारत में चीन से होने वाले निर्यात 27.63 फ़ीसदी गिरावट दर्ज की गई है.

वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक़ पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में इस बार चीन से भारत को होने वाला निर्यात गिरकर अब 21.58 अरब डॉलर का हो गया है.

पियूष गोयल ने एक लिखित जवाब में लोकसभा को बताया कि अगस्त में चीन से 4.98 अरब डॉलर और जुलाई में 5.58 अरब डॉलर का भारत को निर्यात किया गया.

ग़ुलाम नबी आज़ाद

राज्यसभा का बहिष्कार करेगा विपक्षः ग़ुलाम नबी आज़ाद

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने मंगलवार को कहा है कि विपक्ष राज्यसभा का बहिष्कार तब तक जारी रखेगा जब तक कि आठ सांसदों को निलंबित करने का फ़ैसला वापस न ले लिया जाए.

ग़ुलाम नबी आज़ाद संसद के शून्य काल के बाद बोल रहे थे. उन्होंने मांग की कि सरकार को एक ऐसा विधेयक लाना चाहिए जिससे ये सुनिश्चित किया जा सके कि प्राइवेट खरीदारों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर खाद्यान्न खरीदने पर रोका जा सके.

उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को स्वामिनाथन फॉर्मूला के तहत समय-समय पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण करना चाहिए.

सोमवार को कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे आठ सांसदों को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन से हफ़्ते भर के लिए निलंबित कर दिया था.

इन सांसदों पर राज्यसभा में कृषि विधेयकों के पारित किए जाने के दौरान हंगामा करने और उपसभापति हरिवंश के साथ अभद्रता करने का आरोप लगाया गया है.

हरिवंश

राज्यसभा से निलंबित हुए सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे हरिवंश

कृषि बिल के विरोध के मुद्दे पर राज्यसभा से निलंबित किए गए आठ सांसद संसद भवन के परिसर में लगातार धरने पर बैठे हुए हैं.

संसद भवन परिसर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास लॉन में धरने पर बैठे सांसदों के लिए सुबह-सुबह राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश उनके लिए चाय लेकर वहां पहुंचे.

उपसभापति हरिवंश सांसदों से मिले और वे लॉन में उनके साथ चाय पीते हुए देखे गए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “बिहार की धरती ने सदियों पहले पूरे विश्व को लोकतंत्र की शिक्षा दी थी. आज उसी बिहार की धरती से प्रजातंत्र के प्रतिनिधि बने श्री हरिवंश जी ने जो किया, वह प्रत्येक लोकतंत्र प्रेमी को प्रेरित और आनंदित करने वाला है. यह हरिवंश जी की उदारता और महानता को दर्शाता है. लोकतंत्र के लिए इससे खूबसूरत संदेश और क्या हो सकता है. मैं उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं. हर किसी ने देखा कि दो दिन पहले लोकतंत्र के मंदिर में उनको किस प्रकार अपमानित किया गया, उन पर हमला किया गया और फिर वही लोग उनके खिलाफ धरने पर भी बैठ गए. लेकिन आपको आनंद होगा कि आज हरिवंश जी ने उन्हीं लोगों को सवेरे-सवेरे अपने घर से चाय ले जाकर पिलाई.”

इससे पहले राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने इन सांसदों को उपसभापति हरिवंश के साथ अभद्र व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया था.

राज्यसभा के ये सदस्य हैं- डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नज़ीर हुसैन और इलामारन करीम.

एम वेंकैया नायडू के फ़ैसले के मुताबिक़ राज्यसभा सांसदों के निलंबन का ये फ़ैसला हफ़्ते भर के लिए लागू रहेगा. सभापति ने कहा, “डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नज़ीर हुसैन और इलामारन करीम को चेयर के प्रति ख़राब बर्ताव करने पर हफ़्ते भर के लिए निलंबित किया गया है.”

अमरीका-चीन

चीन के लिए जासूसी के आरोप में अमरीकी पुलिसकर्मी गिरफ़्तार

अमरीका की ‘न्यूयॉर्क सिटी पुलिस डिपार्टमेंट’ (एनवाईपीडी) के एक अधिकारी पर चीन के अवैध एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया गया है.

तिब्बत में जन्मे बैमाडाजिए अंगवांग पर आरोप है कि वे न्यूयॉर्क में मौजूद चीनी नागरिकों की गतिविधियों पर नज़र रख रहे थे और इससे जुड़ी जानकारी रिपोर्ट कर रहे थे. उन पर तिब्बती समुदाय के बीच खुफिया जानकारी जुटाने के लिए संभावित सूत्रों के बारे में पता लगाने का भी इलज़ाम है.

एनवाईपीडी के सामुदायिक मामलों की यूनिट के लिए काम करने वाले बैमाडाजिए अंगवांग ने अमरीकी नागरिकता ले रखी है. उन्हें सोमवार को गिरफ़्तार किया गया था. अगर वे दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 55 साल तक की क़ैद की सज़ा सुनाई जा सकती है.

अभियोजन पक्ष का कहना है कि वे ‘यूएस आर्मी रिज़र्व’ के लिए भी नागरिक मामलों के विशेषज्ञ के तौर पर काम करते हैं. उन पर चीनी वाणिज्य दूतावास के दो अधिकारियों के संपर्क में होने का आरोप लगाया गया है.

कहा जा रहा है कि शहर में मौजूद तिब्बती लोगों की रिपोर्टिंग करने के अलावा उन्होंने कथित रूप से चीनी वाणिज्य दूतावास को एनवाईपीडी के आधिकारिक कार्यक्रमों के लिए न्योता देकर उनकी पहुंच विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक सुनिश्चित कराने में भूमिका निभाई.

कोर्ट में जमा किए गए दस्तावेज़ों के मुताबिक़ बैमाडाजिए अंगवांग ने अपने चीनी हैंडलर को कहा था कि वो एनवाईपीडी में तरक्की पाना चाहते हैं ताकि वे चीन की मदद कर सकें और देश को उस पर गर्व हो. उन्हें चीन से अच्छे-ख़ासे पैसे भी मिल रहे थे. उनके पिता चीनी सेना के रिटायर्ड सदस्य हैं और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े हुए हैं. उनकी मां भी पूर्व सरकारी अधिकारी हैं और पार्टी से जुड़ी हुई हैं.

एनवाईपीडी के कमिश्नर डेरमोट एफ़ शेया ने एक बयान जारी कर कहा, “बैमाडाजिए अंगवांग ने देश के नाम जो भी शपथ ली थी, उन्होंने सभी का उल्लंघन किया. एक शपथ अमरीका के लिए ली गई थी, दूसरी अमरीका की सेना के नाम थी और तीसरी इस पुलिस विभाग के लिए ली गई थी.”

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