पीएम नरेंद्र मोदी के 6 घंटे के लेह दौरे से निकले 6 संदेश – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • सेना का मनोबल बढ़ाने लद्दाख पहुंचे पीएम मोदी, सैनिकों के साथ गुजारे 6 घंटे
  • पीएम ने कहा कि मैं आपको छूकर, आपको देख कर ऊर्जा लेकर और प्रेरणा लेकर जाऊंगा
  • नाम लिए बगैर पीएम ने दिया संदेश, भारत किसी भी ताकत के सामने न कभी झुका है न कभी झुकेगा
  • मोदी का दौरा संदेश भी दे गया कि LAC पर हालात उतने सामान्य नहीं है जितने दावे किए जा रहे थे

नई दिल्ली

Narendra Modi Ladakh visit:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सरप्राइज लेह दौरा भारत-चीन विवाद के बीच एक टर्निंग प्वाइंट माना जा रहा है। 15 जून के बाद से जिस तरह बातचीत बहुत आगे नहीं बढ़ रही थी, पीएम मोदी ने अचानक गियर बदल दिया और लेह से संदेश दे दिया कि अब दोनों देशों के बीच के गतिरोध में आगे का रास्ता वह तय करेंगे। पीएम मोदी की इस अप्रोच को जानकार एक साहसिक कदम मान रहे हैं। लेह के अपने 6 घंटे के दौरे में पीएम मोदी ने 6 बड़े संदेश दे दिए-

1- सेना को संदेश, हम आपके साथ हैं

लेह पहुंचकर पीएम नरेंद्र मोदी से साफ संकेत दिया कि वह हर जंग फ्रंट से लीड करने पर यकीन रखते हैं। उनके दौरे से सेना का मनोबल भी बढ़ा है साथ ही यह संकेत भी गया है कि पॉलिटिकल लीडरशिप और सेना दोनों मिलकर किसी भी ताकत का मुकाबला कर सकती है। करीब दो महीने से ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ गतिरोध जारी है। यहां तनाव का माहौल है लेकिन तनाव खत्म करने के लिए लगातार मिलिट्री और डिप्लोमेटिक स्तर पर बातचीत भी की जा रही है जो बहुत सुस्ती से आगे बढ़ रही है। तीन बार दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की मीटिंग हो गई है लेकिन ठोस नतीजा नहीं निकला।

हर मीटिंग में दोनों तरफ से यह सहमति जताई गई कि तनाव खत्म किया जाएगा और धीरे धीरे सैनिकों को एलएसी से पीछे किया जाएगा। लेकिन टाइमलाइन तय नहीं हो पाई। जाहिर है इस लंबे संघर्ष में पीएम मोदी का लेह जाना सेना को संदेश था कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है। गलवान वैली में 15 जून की हिंसक झड़प में घायल हुए सैनिकों से मुलाकात कर पीएम ने न सिर्फ उनके साहस की तारीफ की बल्कि यह भी कहा कि वह खुद भी उन सैनिकों से प्रेरणा लेने आए हैं।

पीएम ने कहा कि मैं आपको छूकर, आपको देख कर ऊर्जा लेकर और प्रेरणा लेकर जाऊंगा। साथ ही कहा कि आप जैसे वीर और पराक्रमी साथियों की वजह से मैं ऐसा कह पा रहा हूं कि भारत दुनिया की किसी भी ताकत के सामने न कभी झुका है न कभी झुकेगा। पीएम ने सैनिकों की मांओं को भी प्रणाम करते हुए कहा कि उन मांओं पर जिन्होंने आपको पाल पोसकर देश के लिए दे दिया, जितना भी नमन किया जाए कम है।

चीन का नाम क्यों नहीं लेते मोदी? कांग्रेस ने गिनाईं तीन तारीखें
चीन का नाम क्यों नहीं लेते मोदी? कांग्रेस ने गिनाईं तीन तारीखेंचीन को लेकर पीएम मोदी पर कांग्रेस के हमले जारी हैं। कांग्रेस ने पूछा है कि आखिर मोदी अपने भाषणों में सीधे तौर पर चीन का नाम क्यों नहीं लेते। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए पूछा है कि मज़बूत भारत के प्रधानमंत्री इतने कमजोर क्यों? चीन का नाम तक लेने से गुरेज़ क्यों हैं। सूरजेवाला ने ट्वीट में सवाल किया कि चीन से आंख में आंख डालकर बात कब होगी।

2- चीन और पाकिस्तान को संदेश

चीन ग्लोबल स्तर पर मांइग गेम को सबसे बड़ा कूटनीतिक दांव मानता है। भारत के संदर्भ में भी चीन लगातार माइंड गेम भी खेल रहा है। एक तरफ वह बातचीत कर रहा है तो दूसरे तरफ एलएसी पर बिल्डअप भी बढ़ा रहा है। साथ ही पाकिस्तान ने भी एलओसी पर सेना का तैनाती बढ़ाई है। पीएम मोदी ने इस दौरे से चीन और पाकिस्तान दोनों को साफ संदेश दिया है कि भारतीय सेना हर जंग से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। चाहे वह एक फ्रंट पर लड़ाई हो या फिर दो फ्रंट पर।

पीएम की तरफ से संदेश साफ रहा कि भारत किसी के भी आक्रामक रूख से घबराने वाला नहीं है बल्कि वह कड़ाई से जवाब देगा। गलवान वैली पर चीन ने अपना दावा जताना शुरू किया तो पीएम ने खुद लेह जाकर गलवान को अपना बताया। साफ है कि अगर एलएसी पर चीन ने बातचीत के जरिए पहले की तरह स्थिति बहाल नहीं की तो भारत कोई भी कड़ा कदम उठा सकता है। चीन को इस काउंटर अटैक की उम्मीद नहीं थी। सार्वजनिक तौर पर चीन को विस्तारवादी कह कर चीन को भारत की ओर नहीं देखने की हिदायत भी दे दी। यही बात है कि बौखलाए चीन ने तुरंत बयान जारी किया । चीनी दूतावास ने बयान जारी कर कहा कि उसने 12 देशों के साथ सीमा विवाद सुलझाया।

‘पूरे विश्व में भारतीय सेना का मुकाबला नहीं’

  • 'पूरे विश्व में भारतीय सेना का मुकाबला नहीं'

    पीएम मोदी ने कहा, ‘आपका शौर्य और मां भारती के मान-सम्मान के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है। आपकी जीवटता भी दुनिया में किसी से भी कम नहीं है। जिन कठिन परिस्थितियों में, जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा करते हैं, उसकी सेवा करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता है। आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां आप तैनात हैं। आपका निश्चय उस घाटी से भी सख्त है, जिसको रोज आप अपने कदमों से नापते हैं। आपकी भुजाएं उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द गिर्द खड़ी हैं। आपकी इच्छा शक्ति आसपास के पर्वतों जितनी अटल हैं। आज मैं आपके बीच आकर इसे महसूस कर रहा हूं। साक्षात इसे मैं अपनी आंखों से देख रहा हूं। जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है तो एक अटूट विश्वास है।’
  • '...हम सुदर्शन चक्र धारण करने वाले कृष्ण को आदर्श मानते हैं'
  • 'मैं आपकी जय बोलता हूं'

    ‘जिनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल, कलम आज उनकी जय बोल, कलम आज उनकी जय बोल।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता ‘आज उनकी जय बोल’ का अंश पढ़ते हुए कहा, ‘मैं अपनी वाणी से आपकी जय बोलता हूं। आपका अभिनंदन करता हूं। मैं गलवान घाटी में शहीद हुए अपने वीर जवानों को भी फिर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’
  • 'विस्तारवाद का युग समाप्त, यह युग विकासवाद का'
  • गलवान के जांबाजों से पीएम मोदी की मुलाकात

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जून को गलवान घाटी में हुए संघर्ष में जख्मी हुए जवानों से भी मिले। उन्होंने यहां जवानों को भी संबोधित किया।
  • 'मैं आपको देखकर एक ऊर्जा लेकर जाऊंगा, एक प्रेरणा लेकर जा रहा हूं'
  • '...न हम झुके हैं, न कभी झुकेंगे'

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘दुनिया की किसी भी ताकत के सामने न हम कभी झुके हैं, न कभी झुकेंगे। यह बात मैं बोल पा रहा हूं आप जैसे वीर पराक्रमी साथियों के कारण।’



3-दुनिया के लिए भी संदेश,चीन की बुलडोज नीति भारत के सामने नहीं चलेगी


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस सरप्राइज दौरे का बड़ा ग्लोबल कूटनीतिक संदेश है। विश्व के कई देशों की चीन से तनातनी चल रही है। अभी पिछले सात दिनों के अंदर 23 देशों ने चीन के विस्तारवादी रवैये पर सवाल उठाया। इनके बीच पीएम मोदी ने ग्लोबल समुदाय तक यह संदेश दे दिया कि चीन की बुलडोज नीति के सामने भारत उतनी ही ताकत से पलटवार करेगा और यहां चीन का दबाव काम नहीं आएगा।

जानकारों के अनुसार भारत के स्पष्ट स्टैंड लेने से ग्लोबल समुदाय एक बड़े घटनाक्रम के रूप में ले सकता है। दरअसल 15 जून के बाद से एक के बाद कई देशों ने भारत के पक्ष में बयान दिए हैं। दिलचस्प है कि जब पीएम मोदी चीन के विस्तारवादी एप्रोच पर कड़ी टिप्पणी कर रहे थे ठीक उसी समय जापान ने भी कहा कि वह भारत के साथ है। जापान ने भारत के पक्ष में कड़ा बयान देते हुए कहा कि सीमा पर नियंत्रण रेखा पर किसी तरह के एकतरफा कोशिश का वह विरोध करता है। शुक्रवार को जापान के भारत में राजदूत सतोषी सुजुकी ने भारत के विदेश सचिव एचवी श्रींगला से मुलाकात की जिसके बाद जापान की ओर से यह बयान दिया गया। जापान ने भारत के कदम की तारीफ करते हुए कहा कि जिस तरह तनाव के हालात में भी भारत शांति की बात करता रहा है वह प्रशंसनीय है।

PM मोदी ने जवानों से कहा- आपके बलिदान और साहस से आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को बल मिलता है
PM मोदी ने जवानों से कहा- आपके बलिदान और साहस से आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को बल मिलता हैप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लद्दाख के नीमू बेस में सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘आपकी हिम्मत उस ऊंचाई से अधिक है, जहां आज आप तैनात हैं। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प आपके त्याग, बलिदान और पुरुषार्थ के कारण और भी मजबूत हो जाता है। मैं एक बार फिर से अपनी श्रद्धांजलि गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों अर्पित करता हूं।’

4- विरोधियों साथ जनता तक भी संदेश, जो होगा भारत की शर्तों पर होगा

एलएसी पर हालत को लेकर विपक्षी लगातार सरकार और पीएम मोदी को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। ऐसे में पीएम के इस दौरे ने विरोधियों को भी जवाब देने का काम किया है। खासकर कांग्रेस सबसे अधिक हमलावर है। वहीं देश के अंदर भी यह सवाल उठ रहे थे कि चीन के साथ इस विवाद का आगे का रास्ता क्या है। इन सवाल और आशंकाओं के बीच पीएम ने स्पष्ट संदेश दे दिया कि जो कुछ होगा भारत की शर्तों पर होगा।

हाल में आई कई सेटेलाइट तस्वीर में चीन की ओर से भारत की जमीन पर कब्जा किए जाने की बात भी सामने आयी। गलवान पर चीन ने लगातार अपना दावा पेश किया। इन उलझनों के बीच पीएम मोदी ने लेह से पूरे देश के साथ संवाद कर दिया कि जल्दबाजी में कोई राय नहीं बनाएं और भारत मजबूती से खड़ा है। ऐसे समय जब भारत कोरोना सहित कई मोर्चे पर जंग लड़ रहा है,लोगों तक यह संदेश देना जरूरी माना जा रहा था।

‘इंसानियत का दुश्‍मन है विस्‍तारवाद’

  • 'इंसानियत का दुश्‍मन है विस्‍तारवाद'

    चीन ने भारत के कई इलाकों पर अपना दावा पहले भी किया है और आज भी कर रहा है। इसी को ध्‍यान में रखकर पीएम मोदी ने ‘विस्‍तारवाद’ पर बोला।
  • 'शांति के लिए खतरा हैं ऐसी ताकतें'

    अपने भाषण के जरिए पीएम मोदी ने जवानों के साथ-साथ पूरी दुनिया को समझाने की कोशिश की कि चीन जैसे देश वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा हैं।
  • न संभलेंगे तो मिट जाएंगे...

    पीएम ने चीन को आगाह करते हुए कहा कि पहले भी ऐसी ताकत फना हो चुकी हैं, इसलिए वह अपनी हरकतों से बाज आए।
  • अब नहीं चलेगी दादागीरी...

    पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि विस्‍तारवादी नीतियों अब नहीं चलेंगी।
  • 'चीन के खिलाफ एकजुट हो रही दुनिया'

    पीएम मोदी ने जहां-जहां विस्‍तारवाद शब्‍द कहा, उसे चीन पढ़‍िए। पीएम ने इशारों में ही कह दिया कि पूरी दुनिया चीन के खिलाफ मन बना चुकी है।
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  • मोदी ने जवानों का बढ़ाया हौसला

    पीएम ने जवानों से कहा, “आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां, आप तैनात हैं। आपका निश्चय, उस घाटी से भी सख्त है, जिसको आप रोज अपने कदमों से नापते हैं। आपकी भुजाएं, उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द हैं। आपकी इच्छा शक्ति आस पास के पर्वतों की तरह अटल हैं।”
  • बांसुरीवाले कृष्ण हमारे आराध्‍य, सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण भी

    पीएम मोदी ने लेह में कहा, “हम वो लोग हैं जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं, वहीं सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण को भी अपना आदर्श मानते हैं।”
  • 'वीर ही करते हैं अपनी मातृभूमि की रक्षा'

    “हमारे यहां कहा जाता है, वीर भोग्य वसुंधरा। यानी वीर अपने शस्त्र की ताकत से ही मातृभूमि की रक्षा करते हैं। ये धरती वीर भोग्या है। इसकी रक्षा-सुरक्षा को हमारा सामर्थ्य और संकल्प हिमालय जैसा ऊंचा है। ये सामर्थ्य और संकल्प में आज आपकी आंखों पर, चेहरे पर देख सकता हूं। आप उसी धरती के वीर हैं, जिसने हजारों वर्षों से अनेकों आक्रांताओं के हमलों और अत्याचारों का मुंहतोड़ जवाब दिया है।”
  • गलवान के शहीदों को किया नमन

    पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कई बार गलवान घाटी का जिक्र किया। उन्‍होंने कहा, “देश के वीर सपूतों ने गलवान घाटी में जो अदम्य साहस दिखाया, वो पराक्रम की पराकाष्ठा है। देश को आप पर गर्व है, आप पर नाज है। 14 कोर की जांबाजी के किस्से हर तरफ है। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है। आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही हैं। भारत के दुश्मनों ने आपकी फायर भी देखी है और आपकी फ्यूरी भी।”

5- तरकश में सरप्राइज फैक्टर जिंदा है

पीएम मोदी के लेह दौरे के बारे में खबर तब आयी जब वह वहां पहुंच चुके थे। सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी के दौरे की पूर्व जानकारी महज चार-पांच लोगों को ही थी। गुरुवार देर रात उनका प्लान फाइनल हुआ और तड़के सुबह पांच बजे के करीब लेह में किसी वीआईवी मूवमेंट की खबर आई। दरअसल सरप्राइज करना पीएम मोदी का सबसे अचूक हथियार रहा है। चाहे 2015 में नवाज शरीफ से मिलने के लिए पाकिस्तान पहुंच जाने की बात हो या फिर उरी और पुलवामा हमले के बाद अचानक मिलिट्री स्ट्राइक करने के फैसले, पीएम मोदी चौंकाने में विश्वास रखते हैं।

जानकारों के अनुसार यह उनका सबसे बड़ा हथियार है। वह किसी फैसले से पहले भनक तक नहीं लगने देते हैं। शुक्रवार को दौरे के बाद भी उन्होंने संदेश दे दिया कि सरप्राइज फैक्टर अभी जिंदा है और आगे भारत-चीन सीमा विवाद के बीच भी कुछ और चौंकाने वाले फैसले देखने को मिल सकते हैं। यही कारण है कि पीएम के दौरे के तुरंत बाद चीन से लेकर पाकिस्तान तक उनके अगले कदम के बारे में अटकल लगने लगी। पाकिस्तान में तो पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने सेना की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शीर्ष स्तर पर मीटिंग तक बुला ली।

खूनी झड़प में घायल जवानों से मिलने अस्पताल पहुंचे मोदी
खूनी झड़प में घायल जवानों से मिलने अस्पताल पहुंचे मोदीलद्दाख पहुंचे प्रधानमंत्री ने 15 जून को गलवान घाटी में चीन की सैनिकों के साथ लड़ाई में घायल हुए सैनिकों से मिले प्रधानमंत्री मोदी। घायल जवानों से मिलने पहुंचे मोदी ने कहा, जो जवान हमारे बीच नहीं हैं वे बहुत ही बहादुर थे। उन्होंने करारा जवाब दिया। आप लोगों का रक्त हमेशा युवाओं को प्रेरित करता रहेगा।

6- हालात उतने भी ठीक नहीं है

वहीं भारत-चीन के बीच पीएम मोदी का लेह तक जाना और वहां से सख्त संदेश देना बाकी संदेशों के साथ कहीं न कहीं यह संदेश भी दे गया कि एलएसी पर हालात उतने सामान्य नहीं है जितने दावे किए जा रहे थे। जानकारों के अनुसार पीएम मोदी का जाना और वहां से जिस तरह उन्होंने बात की वह एक तरह से इसकी पुष्टि थी कि चीन के साथ तनाव भरे संबंध और तल्ख हो चुके हैं। चीन को लेकर अब तक भारत के बीच नरम-गरम संबंध रहे थे।

डोकलाम गतिरोध के बाद भी कुछ समय तक तनाव की स्थिति रही लेकिन कूटनीतिक स्तर पर इस तरह तल्खी नहीं आयी। लेकिन इस बार यह दायरा टूटा है। दोनों देशों के बीच व्यापार भी अहम है। भारत पहले ही 59 मोबाइल ऐप पर बैन लगा चुका है और चीनी कंपनियों के बदले भारत की कंपनियों को तरजीह देने की बात कर चुका है। शुक्रवार को एक तरह से चीन के साथ संबंध के सबसे खराब दौर में चले जाने की भी आधिकारिक पुष्टि हुई।

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