आखिर क्यों बैन किए गए चाइनीज ऐप्स, अब क्या करेंगे यूजर्स? – Navbharat Times

नई दिल्ली

भारत सरकार की ओर से 50 से ज्यादा चाइनीज ऐप्स को बैन करने का बड़ा फैसला लिया गया है। बैन किए गए ऐप्स की लिस्ट में ढेरों पॉप्युलर ऐप्स शामिल हैं और TikTok, UC Browser और ShareIt जैसे नाम हैं। ऐप्स को बैन किए जाने की वजह इनका चाइनीज होना ही नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा और एकता को बनाए रखने के लिए जरूरी कदम मानते हुए ऐसा किया गया है। करीब 59 ऐप्स को जल्द ही गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर से हटा दिया जाएगा।

भारत और चीन सीमा पर पिछले कुछ वक्त से चल रहे तनाव के बीच 15 जून को गलवान घाटी में सैनिकों की शहादत के बाद से ही चाइनीज ऐप्स बैन करने और प्रॉडक्ट्स की बायकॉट की मांग उठ रही थी। ऐप्स को बैन करने की असल वजह आधिकारिक बयान में इन्फॉर्मेशन और टेक्नॉलजी मिनिस्ट्री ने बताई है। इसमें कहा गया है कि मंत्रालय को अलग-अलग सोर्स से इन ऐप्स से जुड़ी शिकायतें मिल रही थीं और कई रिपोर्ट्स में यूजर्स के डेटा का गलत इस्तेमाल करने की बात भी सामने आई थी।

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ऑफिशल स्टेटमेंट के मुताबिक, ऐंड्रॉयड और iOS प्लैटफॉर्म्स से ‘यूजर्स का डेटा चोरी करने और गलत तरीके अपनाते हुए भारत से बाहर के सर्वर में स्टोर करने की बात भी सामने आई थी।’ बयान में कहा गया है कि डेटा चोरी से जुड़ी शिकायतों को देखते हुए पाया गया है कि यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और भारत की एकता और अखंडता को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश इस तरह की जा सकती है। ऐसे में तुरंत इन ऐप्स के खिलाफ इमरजेंसी ऐक्शन लेने की जरूरत महसूस की गई है।

कई बड़े नाम शामिल

चाइनीज ऐप्स पर इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी ऐक्ट के 69A सेक्शन और इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी (पब्लिक इन्फॉर्मेशन का ऐक्सेस सुरक्षा की दृष्टि से ब्लॉक करने से जुड़े) नियम, 2009 के तहत कार्रवाई की गई है। बैन किए गए ऐप्स की लिस्ट में पॉप्युलर टिकटॉक, शेयरइट, यूसी ब्राउजर, बायदू मैप, हैलो, लाइक, मी कम्युनिटी, क्लब फैक्ट्री, यूसी न्यूज, वीबो, मी विडियो कॉल-शाओमी, वीवो विडियो, क्लीन मास्टर और कैम स्कैनर जैसे ऐप्स शामिल हैं, जिनके लाखों डाउनलोड्स हैं।

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डेटा की सुरक्षा जरूरी

सरकार की ओर से इन ऐप्स को बैन करने का फैसला इसलिए किया गया, जिससे ये देश के नागरिकों का डेटा ऐक्सेस ना कर सकें और उसका गलत इस्तेमाल ना किया जाए। भारत सरकार की एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम CERT-In की ओर से भी कहा गया था कि कई ऐप्स में यूजर्स की निजता का हनन जैसे मामले देखने को मिले हैं। इसके अलावा इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर और होम मिनिस्ट्री की ओर से भी इन मैलिशस ऐप्स को ब्लॉक करने के लिए कहा गया था।

अब क्या करेंगे यूजर्स?

सरकार का कहना है कि भारत के साइबरस्पेस की सुरक्षा उसकी जिम्मेदारी है, जिससे भारत में मोबाइल और इंटरनेट यूजर्स को किसी भी तरह के नुकसान से बचाया जा सके। ऐसे में जरूरत पड़ने पर आगे भी इस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं और यूजर्स को बेहतर ऑप्शंस इस बैन के बाद उपलब्ध कराए जाएंगे। बैन किए गए ऐप्स को प्ले स्टोर और ऐप स्टोर से हटा दिया जाएगा और जिनके डिवाइसेज में ये ऐप्स मौजूद हैं, फिलहाल यूजर्स उन्हें चला कर पाएंगे। हालांकि, इन्हें बाद में पूरी तरह ब्लॉक किया जा सकता है, इसलिए यूजर्स को वैसे ही फीचर्स ऑफर करने वाले दूसरे ऐप्स पर स्विच करने की सलाह दी जाती है।

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