चारों तरफ आग थी, सिर्फ चीखें सुनाई दे रही थीं; 10 फीट नीचे छलांग लगाकर खुद को बचाया – Dainik Bhaskar

कराची में शुक्रवार को लैंडिंग से कुछ मिनट पहले प्लेन क्रैश हुआ था, 97 लोग मारे गए सिर्फ 2 बचेइंजन फेल होने की वजह से हादसा हुआ, रिहायशी इलाके में क्रैश होने से कई घरों को भी नुकसान

दैनिक भास्कर

May 23, 2020, 12:58 PM IST

कराची. पाकिस्तान के कराची में शुक्रवार को हुए प्लेन हादसे में 99 में से सिर्फ 2 लोग बच पाए। इनमें से एक मोहम्मद जुबेर हैं। उन्होंने मीडिया को फोन पर हादसे के बाद का हाल बताया। जुबैर ने कहा- “चारों तरफ आग ही आग दिख रही थी। कुछ नजर नहीं आ रहा था, सिर्फ लोगों की चीख सुनाई पड़ रही थी। एक तरफ थोड़ी लाइट नजर आई, मैं अपनी सीट बेल्ट खोलकर उसी तरफ बढ़ गया। मैंने 10 फीट नीचे कूदकर खुद को बचाया।”

मोहम्मद जुबेर कराची के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं।

लोग ईद मनाने आ रहे थे

पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर जुबेर गुजरांवाला में एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। प्लेन क्रैश होने की वजह से थोड़े जख्मी हो गए, लेकिन गनीमत रही कि जान बच गई। उन्होंने बताया- “ईद मनाने के लिए कई परिवार लाहौर से कराची आ रहे थे। जिस तरह सफर रहा उससे किसी को नहीं लगा कि कोई दिक्कत होगी, बल्कि सभी को सेफ लैंडिंग की उम्मीद थी।

लैंडिंग के एनाउंसमेंट के 2-3 मिनट में प्लेन क्रैश हो गया
जुबेर ने बताया, “फ्लाइट एक बजे लाहौर से चली। पायलट ने अनाउंसमेंट किया कि हम कराची में लैंड करने वाले हैं। जहाज नीचे आने लगा तो एक-दो झटके लगे। प्लेन थोड़ा रनवे के ऊपर आया भी, लेकिन पायलट ने बड़ी होशियारी के साथ दोबारा उसे ऊपर उड़ा दिया। इसके बाद लोगों ने कलमे पढ़ने शुरू कर दिए। 10 से 15 मिनट तक जहाज ऊपर उड़ता रहा। पायलट ने एक सेफ जगह देखी, जहां ज्यादा भीड़भाड़ नहीं थी। उसने दोबारा अनाउंसमेंट किया कि हम लैंड होने वाले हैं, लेकिन 2-3 मिनट में ही प्लेन क्रैश हो गया।”

बैंक ऑफ पंजाब के प्रेसिडेंट भी बचे

जुबेर के अलावा बचे दूसरे पैसेंजर पाकिस्तान के बैंक ऑफ पंजाब के प्रेसिडेंट जफर मसूद हैं। उन्हें 4 फ्रैक्चर हुए हैं, लेकिन हालत ठीक है। मसूद का रिश्ता भारत से भी है। वे उत्तर प्रदेश के अमरोहा शहर से ताल्लुक रखते हैं और पाकीजा फिल्म के डायरेक्टर कमाल अमरोही के खानदान से हैं। मसूद के एक रिश्तेदार आदिल जफर ने बताया, “1952 में मसूद का परिवार पाकिस्तान चला गया था। मैं 2015 में कराची में मसूद से मिला था। उन्हें भारत बेहद पसंद है, वे अमरोहा आकर अपने पूर्वजों के घर को देखना चाहते हैं।

अस्पताल में जफर मसूद।

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