प्रियंका को राज्य सभा भेज क्या कांग्रेस अपने लिए खोल लेगी आलोचना का रास्ता?

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा की फाइल फोटो (News18)

हालांकि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को सत्ताधारी बीजेपी (BJP) के खिलाफ लोक सभा में कांग्रेस प्रमुख की जिम्मेदारी देना और प्रियंका को राज्य सभा (Rajya Sabha) में लाना एक अच्छी रणनीति हो सकता है. लेकिन यह कांग्रेस (Congress) पर वंशवाद की राजनीति के गंभीर आरोपों का रास्ता खोल देगी.

News18Hindi
Last Updated:
February 16, 2020, 5:32 PM IST

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(पल्लवी घोष)नई दिल्ली. दिल्ली (Delhi) में एक और शिकस्त का सामना करने के बाद, कांग्रेस (Congress) ने आत्मनिरीक्षण और त्वरित कार्रवाई का आह्वान किया है. लेकिन क्या इस बार इसका मतलब वाकई कुछ ऐसा होगा? इसकी गंभीरता का एक प्रमाण हाल ही में होने जा रहे सांस्थानिक बदलावों में देखा जा सकता है. दूसरा प्रमाण उन नेताओं में देखा जा सकता है, जिन्हें कांग्रेस अगली टुकड़ी के तौर पर राज्यसभा में भेजने वाली है.कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं (Senior Leaders) का कार्यकाल राज्य सभा में जल्द ही खत्म होने वाला है. जिनमें अंबिका सोनी, गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) और दिग्विजय सिंह शामिल हैं. और कांग्रेस इससे खाली होने वाली रिक्तियों को अपने छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड के कोटा के आधार पर भरेगी.छत्तीसगढ़ के नेताओं ने कथित तौर पर एंट्री का किया समर्थनअब सवाल यह है कि ऐसे समय में पार्टी अपने पुराने सिपहसालारों की मदद ही लेगी या एक पीढ़ीगत बदलाव लेकर आएगी. इस बात के अनुमान भी लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा को उच्च सदन यानि राज्य सभा में लाया जाएगा. छत्तीसगढ़ के नेताओं ने कथित तौर पर उच्च सदन में उनकी इंट्री को समर्थन देने की पेशकश की है.यह कदम कांग्रेस पार्टी के लिए साबित होगा दोधारी तलवारलेकिन पार्टी को अच्छी तरह से पता है कि ऐसा कोई भी कदम एक दोहरी तलवार साबित होगा. हो सकता है कि यह एक अच्छी रणनीति हो कि राहुल गांधी सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ लोक सभा में पार्टी की कमान संभालें और प्रियंका इसकी कमान राज्य सभा में संभालें. लेकिन यह कांग्रेस पर वंशवाद की राजनीति के गंभीर आरोपों का रास्ता भी खोल देगी.पार्टी को यह सोचना होगा कि राज्य सभा में नामित किए जाने से उसका उत्तर प्रदेश का प्रचार अभियान कमजोर होगा या उसे राजनीतिक तौर पर बल मिलेगा.पार्टी सूत्रों ने किया दावा- अभी इस पर नहीं हुआ है अंतिम फैसला
हालांकि पार्टी के सूत्रों का कहना है कि अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, ये कयास वैसे ही फुस्स साबित हो सकते हैं, जैसे 2019 के आम चुनावों में पीएम मोदी के खिलाफ प्रियंका गांधी के वाराणसी संसदीय क्षेत्र से मैदान में चुनावों में उतरने की रिपोर्ट्स साबित हो गई थीं.वरिष्ठ नेताओं में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद का फिर से नामित किया जाना लगभग तय है. लेकिन इंतजार कर रहे नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया, करुणा शुक्ला, रणदीप सिंह सुरजेवाला और भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे नेता शामिल हैं. इनमें से एक को भी राज्य सभा का टिकट मिलना कांग्रेस की बदलाव की चाहत का संकेत देगा. और प्रियंका गांधी की राज्यसभा एंट्री केस की सजावट की तरह होगी.यह भी पढ़ें: जामिया हिंसा: नए वीडियो पर भड़कीं प्रियंका, कहा- पुलिस का झूठ आया सामने

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First published: February 16, 2020, 5:30 PM IST
Source: News18 News

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