कश्मीर पर तुर्की के राष्ट्रपति को भारत का करारा जवाब, कहा- हमारे आंतरिक मामलों में ना दें दखल

Publish Date:Sat, 15 Feb 2020 11:44 AM (IST)

नई दिल्ली, एएनआइ। भारत ने शनिवार को तुर्की-पाकिस्तान संयुक्त घोषणा में जम्मू-कश्मीर को लेकर दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें तु्र्की को नई दिल्ली के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने और पाकिस्तान से आतंकवाद से उत्पन्न गंभीर खतरे पर तथ्यों की उचित समझ विकसित करने का आह्वान किया गया है। 
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान द्वारा अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में की गई टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर के सभी टिप्पणियों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है। उन्होंने कहा कि हम तुर्की नेतृत्व से भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने और तथ्यों की उचित समझ विकसित करने का आह्वान करते हैं, जिसमें पाकिस्तान से भारत और क्षेत्र में आतंकवाद से उत्पन्न गंभीर खतरा भी शामिल है। 

कश्मीर पर तुर्की के राष्ट्रपति ने कही थी ये बात
जानकारी के लिए बता दें कि तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन ने कहा है कि कश्मीर पाकिस्तान के लिए जितना महत्वपूर्ण है, उनके देश के लिए भी उतना ही अहम है। पाकिस्तान की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति अर्दोआन ने कहा कि तुर्की की आजादी की लड़ाई के समय पाकिस्तान के लोगों ने अपनी हिस्से की रोटी हमें दी थी। हम पाकिस्तान की इस मदद को भूल नहीं सकते हैं। जैसे हमारे देश के लिए कल कनक्कल (तुर्की का सुमद्र तटीय हिस्सा) अहम था, ठीक वैसे ही आज कश्मीर हमारे लिए मायने रखता है।

बता दें कि दो तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान दो दिन की पाकिस्तान यात्रा पर थे। संयुक्त सत्र में एफएटीएफ की आगामी बैठक के संदर्भ में कहा कि मैं इस बात पर भी जोर देना चाहता हूं कि हम एफएटीएफ की बैठकों में राजनीतिक दबाव के संदर्भ में पाकिस्तान का समर्थन करेंगे। 
Posted By: Ayushi Tyagi

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Source: Jagran.com

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