नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। शिरोमणि अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ही होंगे। सिरसा चुनाव हार गए हैं लेकिन फिर भी वही डीएसजीएमसी के अध्यक्ष चुने जाएंगे। इससे पहले ऐसी अटकलें लग रही थी कि सिरसा के चुनाव हारने के बाद अकाली दल किसी अन्य नेता को डीएसजीएमसी का अध्यक्ष बनाएगी। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कोई और नहीं सिरसा ही दोबारा से इस पद पर काबिज होने जा रहे हैं। चुनाव में बहुमत मिलने के बाद पार्टी लगातार तीसरी बार डीएसजीएमसी की सत्ता पर काबिज होगी।
बता दें कि सुखबीर सिंह बादल नई दिल्ली सफदरजंग रोड स्थित आवास पर शिरोमणि अकाली दल के जीतने वाले प्रत्यशियों से मुलाकात की। इस मौके पर मनजिंदर सिंह सिरसा भी मौजूद रहे।
मनजिंदर सिंह सिरसा को दिग्गज सिख नेता हरविंदर सिंह सरना ने पंजाबी बाग वार्ड-9 से हराया। सिरसा को पांच सौ से ज्यादा वोटों से हार मिली। सिरसा को चुनाव हराने वाले हरविंदर सिंह सरना शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) के महासचिव हैं।
सुखबीर सिंह बादल ने क्यों जताया भरोसा?
बताया जाता है कि मनजिंदर सिंह सिरसा पार्टी आलाकमान के पसंदीदा नेता हैं। वह सुखबीर सिंह बादल के करीबी माने जाते हैं। सिरसा पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और दिल्ली में शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख चेहरा हैं। मनजिंदर सिंह सिरसा शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं। इससे पहले वह दिल्ली की राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं।
शिरोमणि अकाली दल (बादल) को मिली 27 सीटें
मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट कर बताया कि उनकी पार्टी को डीएसजीएमसी चुनावों में 46 में से 27 सीटें मिली हैं जोकि बहुमत से ज्यादा है। सिरसा ने पार्टी की जीत पर सभी मतदाताओं का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह जीत दिल्ली की संगत की जीत है। दिल्ली की संगत द्वारा शिरोमणि अकाली दल को दिए गए सम्मान के आगे हम सिर झुकाते हैं।
मनजिंदर सिंह सिरसा पर कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। उनके विरोधियों ने उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी। सिरसा के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी हो चुका है।
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