तहलका मैगजीन के पूर्व मुख्य संपादक तरुण तेजपाल को रेप केस में बरी कर दिया गया है। गोपा की सत्र अदालत ने इस मामले पर पहले ही सुनवाई पूरी कर ली थी और आज अपना फैसला सुनाया है। ‘तहलका’ के पूर्व प्रधान संपादक पर 2013 में गोवा के एक लक्जरी होटल की लिफ्ट के भीतर महिला साथी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था। हालांकि उन्होंने शुरू से ही खुद को निर्दोश बताया था।
आपको बता दें कि इससे पहल अतिरिक्त जिला अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाने वाली थी लेकिन न्यायाधीश क्षमा जोशी ने फैसला 12 मई तक स्थगित कर दिया था। 12 मई को फैसला एक बार फिर 19 मई के लिए टाल दिया गया था। अदालत ने पूर्व में कहा था कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते स्टाफ की कमी के कारण स्थगन किया गया था।
Goa: Former Editor-in-Chief of Tehelka Magazine, Tarun Tejpal acquitted of all charges in the alleged sexual assault case against him.
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— ANI (@ANI) May 21, 2021
गोवा पुलिस ने नवंबर 2013 में तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। तरुण तेजपाल मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं। गोवा अपराध शाखा ने तेजपाल के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया। उन पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत मंशा से कैद करना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला।
तेजपाल ने इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर अपने ऊपर आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। तरुण तेजपाल के खिलाफ उनकी महिला सहकर्मी ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। महिला के आरोपों के अनुसार, गोवा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पांच सितारा होटल की लिफ्ट में तेजपाल ने उनका उत्पीड़न किया था। इसके बाद 30 नवंबर 2013 को तेजपाल को गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, उन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत की न्यायाधीश क्षमा जोशी ने आठ मार्च को तेजपाल मामले में अंतिम दलीलें सुनी।