मुंबई, राजीव रंजन: सांसद मोहन डेलकर (Mohan Delkar) की आत्महत्या मामले में पुलिस जांच गहन हो गई है. मोहन डेलकर का शव सोमवार तड़के मुंबई के सी ग्रीन होटल में पंखे से लटका हुआ मिला था.
इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट की पहली जांच में मौत की वजह गले में सांस का अवरूद्ध होना बताया गया है. हालांकि फॉरेंसिक रिपोर्ट आने पर ही मौत के सही कारण का पता लग पाएगा. मोहन डेलकर की मौत की जांच मुंबई पुलिस के एसीपी ( IPS) के नेतृत्व में कराई जा रही जो सीधे उच्च अधिकारियों के संपर्क में रहेंगे.
6 पन्नों के सुसाइड नोट को लेकर संशय
इस मामले में तकरीबन 6 पन्नों के मिले एक सुसाइड नोट को भी लेकर संशय बना हुआ है. पुलिस इस सुसाइड नोट की भी जांच कर रही है. पुलिस के मुताबिक, इस सुसाइड नोट से लगता है कि मोहन डेलकर काफी दिनों से परेशान थे. उन्होंने राजनीतिक रूप से उपेक्षा का शिकार होने की बात इस सुसाइड नोट में जिक्र किया है. अपने समर्थकों, परिवार के लोगों से माफी मांगने के साथ इस कड़े कदम के पीछे उन्होंने कई लोगों को जिम्मेदार बताया है.
इस सिलसिले में तकरीबन 30 से 35 लोगों के नाम का भी उल्लेख किया है. दादरा नगर हवेली के कई अधिकारी , अलग राजनैतिक दल के नेताओं का भी नाम इस सुसाइड नोट में लिया गया है. मामला गंभीर होने के कारण मोहन डेलकर के पत्र में लिखे तथ्यों के बारे में मुंबई पुलिस, स्थानीय प्रशासन से जानकारी लेने की कोशिश कर रही है. पिछले दिनों मोहन डेलकर के समर्थक और कार्यकर्ता दादरा नगर हवेली में कई तरह के मामलों में दोषी पाए गए थे. इससे सांसद के दुखी होने का संशय है.
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वर्ष 1989 से सांसद थे मोहन डेलकर
मोहन डेलकर (58) 1989 से दादरा और नगर हवेली (Dadra and Nagar Haveli) लोक सभा क्षेत्र से सांसद हैं. उन्होंने वर्ष 2009 में कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली थी. लेकिन वर्ष 2019 के लोक सभा चुनावों में उन्होंने पार्टी छोड़ दी और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरे और फिर से जीत गए.
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