11 अक्तूबर, 2020|5:43|IST
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पंकज कुमार पाण्डेय, हिन्दुस्तान,नई दिल्ली। | Published By: Himanshu Jha
अफगानिस्तान शांति वार्ता के बीच पाकिस्तान की आईएसआई वहां आतंकवादी तैयार करने में भी जुटी है। पाकिस्तान की नापाक हरकत का खुलासा भारतीय खुफिया एजेंसियों ने किया है। अफगान शांति वार्ता में भारत ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की भूमिका पर अपनी चिंता स्पष्ट रूप से साझा की है। भारत का मानना है कि वार्ता में इन चिंताओं का समाधान होना चाहिए जिससे पाकिस्तान अपनी भौगोलिक स्थिति और तालिबान पर असर का दुरुपयोग ना कर पाए।
सूत्रों ने कहा अफगान लोगों को जिहाद में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के मकसद से आईएसआई द्वारा अफगानिस्तान में हजारों पुस्तकें वितरित की जा रही हैं। अफगानिस्तान के लोगर, गजनी, नंगरहार प्रांतों में जिहाद से जुड़ी किताबें वितरित की गई हैं। ये पुस्तक अफगानिस्तान – पाकिस्तान तोरखम सीमा के जरिये भेजी गई हैं। एजेंसियों का कहना है कि पुस्तक का प्रकाशन पाक की आईएसआई ने किया है।
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सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान शांति वार्ता और अफगानिस्तान में संभावित सत्ता हस्तांतरण में अपना दबदबा बनाए रखना चाहता है। इसके लिए वह अपनी आतंकपरस्त नीति को ही प्रमुख हथियार बनाए हुए है। हालांकि अमेरिका सहित वार्ता से जुड़े सभी पक्ष पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट भरोसा चाहते हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान के आतंकवादी ना सिर्फ भारत बल्कि अफगानिस्तान में भी दहशत के काम में लिप्त हैं।
6,500 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि करीब 6,500 पाकिस्तानी आतंकी पड़ोसी देश अफगानिस्तान में सक्रिय हैं और आतंक फैला रहे हैं। पाकिस्तानी आतंकियों की सक्रियता को युद्ध से जूझ रहे अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया क्षेत्र की शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया था। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन अफगानिस्तान की चुनी हुई सरकार और विदेशी सैनिकों से लड़ रहे इन आतंकियों को प्रशिक्षित करते हैं। ये संगठन आतंकियों के लिए सलाहकार के तौर पर काम करते हैं।
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- Web Title:Pakistan is creating new tactics of terror amid Afghan peace talks motivating people for jihad