सीबीआई ने अपने हाथों में ली हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच, योगी सरकार ने की थी सिफारिश – अमर उजाला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हाथरस

Updated Sat, 10 Oct 2020 09:12 PM IST

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अब हाथरस कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। इस मामले में योगी सरकार ने केंद्र से सिफारिश की थी। बता दें कि 14 सिंतबर को चार युवकों ने कथित रूप से 19 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। पीड़िता ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। 

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सीबीआई की लखनऊ यूनिट इस मामले में जल्द एफआईआर दर्ज कर पूरी तहकीकात शुरू करेगी। इस मामले में प्रदेश सरकार ने 3 अक्तूबर को सीबीआई से जांच कराए जाने का फैसला किया था। चार अक्तूबर को सरकार ने इसके लिए डीओपीटी को निर्धारित प्रारूप में सिफारिश भेजी थी। शनिवार को डीओपीटी ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। अब जल्द ही सीबीआई हाथरस कथित सामूहिक दुष्कर्म कांड की जांच शुरू करेगा।

30 सितंबर को पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया। परिवार के अनुसार पुलिस ने दबाव बनाकर जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कराया। जबकि पुलिस का कहना है कि परिवार की इच्छा के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया। 

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घटना के सामने आने के बाद से पूरे देश में पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए आक्रोश है। घटना लेकर काफी राजनीति भी हुई। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। 

इस मामले में एसआईटी की जांच के आधार पर एसपी समेत कई पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया है।

हाथरस: पर्याप्त सुरक्षा के बीच पीड़ित परिवार को हाईकोर्ट ले जाएगी पुलिस
बिटिया की मौत के मामले में 12 अक्तूबर को बिटिया के परिजन हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष प्रस्तुत होंगे। परिजन कड़ी सुरक्षा के बीच हाईकोर्ट जाएंगे। पुलिस ने उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं।

गौरतलब है कि हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बिटिया के मामले को स्वत: संज्ञान लिया था। अधिकारियों को 12 अक्तूबर को तलब किया गया है। वहां कुछ उच्चाधिकारियों के अलावा डीएम और एसपी को भी बुलाया गया था। बिटिया का परिवार भी बुलाया गया था। हाईकोर्ट का यह संदेश खुद प्रभारी जिला जज पीड़ित परिवार से मिलकर दे गए थे। पीड़ित परिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस यहां से लेकर जाएगी और उसके बाद फिर घर पर छोड़कर आएगी।

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पीड़ित के परिवार को सुरक्षित हाईकोर्ट तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी

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