शरीर पर चोट के निशान नहीं
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एम्स के फरेंसिक हेड डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने बताया, ‘हमने अपनी फाइनल रिपोर्ट तैयार कर ली है। यह पूरी तरह से फांसी लगाए जाने और आत्महत्या का मामला है।’ उन्होंने अपने बयान में आगे कहा, ‘सुशांत की बॉडी पर फांसी के अलावा कोई अन्य चोट के निशान नहीं थे। मृतक की बॉडी या कपड़ों पर भी कोई संघर्ष/हाथापाई के निशान भी नहीं पाए गए हैं।’
बॉडी में नहीं मिला कोई जहरीला या नशीला पदार्थ
एम्स के 7 फरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने अपनी जांच के बारे में सीबीआई की टीम से लंबी चर्चा की है। डॉक्टर गुप्ता ने आगे कहा, ‘सुशांत की बॉडी में बॉम्बे फरेंसिक साइंस लैब या एम्स की टॉक्सिकोलोजी लैब को कोई भी जहरीला या नशीला पदार्थ नहीं मिला है। गर्दन पर मिला पूरा निशान फांसी लगाने के कारण बना है।’ इससे पहले सुशांत का पोस्टमॉर्टम करने वाले कूपर हॉस्पिटल के पैनल ने भी सुशांत की मौत को आत्महत्या ही बताया था। हालांकि मेडिकल बोर्ड ने रिपोर्ट की ज्यादा डीटेल्स देने से इनकार कर दिया है क्योंकि केस अभी कोर्ट के सामने विचाराधीन है।
हत्या के ऐंगल से जांच की हो रही थी मांग
बता दें कि सुशांत के परिवार, दोस्त और फैन्स पिछले कई दिनों से सीबीआई जांच में हो रही देरी पर निराशा जता रहे हैं। इसके अलावा परिवार और फैन्स की मांग यह भी है कि इस केस की जांच आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या के ऐंगल से की जाए। सुशांत की फैमिली के वकील सुशांत के केस की जांच की दिशा से भी खुश नहीं है। केस की जांच ड्रग्स के ऐंगल से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भी कर रहा है और उसी ने रिया चक्रवर्ती, शौविक चक्रवर्ती, सैमुअल मिरांडा और दीपेश सावंत के अलावा कई कथित ड्रग पेडलर्स को गिरफ्तार किया है।