बड़ी खबर! बदल सकता है RBI का फाइनेंशियल ईयर, बोर्ड ने की सिफारिश

बोर्ड ने की सिफारिश

केंद्र सरकार का फाइनेंशियल ईयर 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को खत्म होता है. जबकि RBI का फाइनेंशियल ईयर 1 जुलाई से शुरू होकर 30 जून को खत्म होता है. ऐसे में RBI बोर्ड ने भी RBI का फाइनेंशियल ईयर 1 अप्रैल से करने की सिफारिश की है.

News18Hindi
Last Updated:
February 16, 2020, 11:51 AM IST

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नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और केंद्र सरकार (Central Government) का फाइनेंशिलय ईयर (Financial Year) एक समान हो सकता है. केंद्र सरकार का फाइनेंशियल ईयर 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को खत्म होता है. जबकि RBI का फाइनेंशियल ईयर 1 जुलाई से शुरू होकर 30 जून को खत्म होता है. ऐसे में RBI बोर्ड ने भी RBI का फाइनेंशियल ईयर 1 अप्रैल से करने की सिफारिश की है. इस बारे में मंजूरी लेने के लिए केंद्र सरकार के पास एक प्रस्ताव भेजा जाएगा.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक RBI के एक अधिकारी के मुताबिक ये बदलाव फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के साथ लागू किया जा सकता है. इसके अलावा विमल जालान समिति ने भी RBI का फाइनेंशियल ईयर सरकार के फाइनेंशियल ईयर के समान करने की सिफारिश की थी. ये भी पढ़ें: अप्रैल से सुकन्या और PPF खाते को लेकर होगा बड़ा बदलाव! अब भी नहीं चुकाना होगा इन 9 आय पर टैक्सदिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेन्स के दौरान वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अभी इस पर विचार किया जा रहा है. जल्द ही इसके बारे में आपको पता चल जाएगा. बता दें कि RBI के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने अपनी 582वीं बैठक में मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों, वैश्विक एवं घरेलू चुनौतियों एवं आरबीआई के ऑपरेशन से जुड़े कई पहलुओं की समीक्षा की गई.RBI बोर्ड की मीटिंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, वित्त सचिव राजीव कुमार और व्यय सचिव टी वी सोमनाथन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. ये भी पढ़ें: तीसरी प्राइवेट ट्रेन काशी महाकाल एक्सप्रेस- कराएगी तीन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, जानिए रूट और किराए के बारे में….तेजी से मिल रहा रेपो रेट कट का फायदारिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रीपो रेट में कटौती का फायदा धीरे-धीरे लोगों तक पहुंच रहा है और क्रेडिट ग्रोथ में तेजी आ रही है. उन्होंने कहा कि 2019 में रेपो रेट में 135 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की गई, जिसमें 69 बेसिस पॉइंट्स का फायदा पहुंचाया जा चुका है. क्रेडिट ग्रोथ में अगर तेजी आती है तो मांग में भी तेजी दर्ज की जाएगी. इससे आर्थिक गतिविधि रफ्तार पकड़ेगी और सुस्ती दूर होगी.
रेपो रेट 5.15 फीसदी पर कायमबढ़ती महंगाई दर और ग्लोबल ट्रेड को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ने 2020 की पहली मौद्रिक समीक्षा नीति में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. 2019 दिसंबर में हुई आखिरी बैठक में भी इसमें किसी तरह की कटौती नहीं की गई थी. उससे पहले लगातार पांच बैठकों में रेपो रेट घटाया गया था. इन पांच बैठकों में रेपो रेट में 1.35 फीसदी की कटौती की गई थी. वर्तमान में रेपो रेट 5.15 फीसदी है.ये भी पढ़ें: Loan लेना चाहते हैं तो जान लें ये जरूरी बातें, बैंक हो या नान-बैंकिंग कंपनी, फटाफट करेंगे अप्रुव(सोर्स- हिन्दी मनीकंट्रोल)

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First published: February 16, 2020, 11:51 AM IST
Source: News18 News

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