सूरत में BJP से मिले हुए थे कांग्रेस प्रत्याशी:रिश्तेदारों को प्रस्तावक बनाया, जिससे पर्चा खारिज हो; 5-स्टार होटल में 24 घंटे चला ऑपरेशन निर्विरोध

गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भाजपा की​ निर्विरोध जीत के लिए कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी ने ही भाजपा से हाथ मिला लिया था। भाजपा की ओर से कुंभाणी को ऑपरेशन निर्विरोध की स्क्रिप्ट मिली। इसके अनुसार ही नीलेश कुंभाणी ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई को अंधेरे में रखते हुए पैंतरे चले। कुंभाणी ने अपने नामांकन पत्र के प्रस्तावकों में कांग्रेस कार्यकर्ता-कैडर मेंबर की बजाय रिश्तेदार और करीबियों को रखा। कुंभाणी ने अपने पर्चे में प्रस्तावक बहनोई जगदीया सावलिया और बिजनेस पार्टनर ध्रुविन धामेलिया और रमेश पोलरा को बनाया। नीलेश कुंभाणी ने कांग्रेस पार्टी के डमी प्रत्याशी सुरेश पडसाला का प्रस्तावक भी अपने भांजे भौतिक कोलडीया को बनवाया। पर्चा दाखिल करते वक्त भी कुंभाणी किसी भी प्रस्तावक को चुनाव अधिकारी के सामने नहीं ले गए। फाइव स्टार होटल ली-मैरेडियन में चला ऑपरेशन निर्विरोध
चारों प्रस्तावकों ने हस्ताक्षर फर्जी होने का शपथपत्र दे दिया और खुद अंडर ग्राउंड हो गए। सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया अपनाई गई। कोई भी सामने नहीं आया। इसके बाद कुंभाणी और डमी प्रत्याशी सुरेश पडसाला का पर्चा खारिज हो गया। सूरत में भाजपा के इस ऑपरेशन निर्विरोध का एपिसेंटर बना सूरत का फाइव स्टार होटल ली-मैरेडियन। यहां से 24 घंटे तक ऑपरेशन निर्विरोध की कार्रवाई का संचालन हुआ। ये कवायद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल की सीधी निगरानी में हुई। सपा प्रत्याशी को क्राइम ब्रांच ने होटल पहुंचाया
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर प्यारेलाल भारती सहित छोटे दलों के 4 प्रत्याशी सूरत से मैदान में थे। वह सूरत से वडोदरा पहुंच कर एक फॉर्म हाउस में जा बैठे। प्यारेलाल की खोजबीन शुरू हुई। बसपा प्रत्याशी से संपर्क न होने पर क्राइम ब्रांच जुटी। लोकेशन के आधार पर कार्रवाई हुई। सोमवार को वह सूरत लौटने के साथ ही फाइव स्टार होटल ली-मैरेडियन पहुंचे। भाजपा ने साम-दाम दंड भेद की नीति अपनाई। इसी तर्ज पर सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी, ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी और लोग पार्टी सहित सभी 4 दलों के प्रत्याशियों ने अंतिम दिन सोमवार को नामांकन पत्र वापस लेकर भाजपा का रास्ता साफ कर दिया। निर्दलीयों को आमने-सामने बैठाया और हो गए राजी
इससे पहले चार निर्दलीय प्रत्याशियों को राजी किया गया। फोन कर इन्हें होटल बुलाया गया। जहां निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान छोड़ने को राजी हो गए। ऑपरेशन निर्विरोध के लिए इनका चुनाव मैदान से हटना जरूरी था। इसलिए संबंधित प्रत्याशियों के समाज के लोगों से संपर्क साधा। भाजपा नेताओं को राजी करने का जिम्मा सौंपा गया। सभी निर्दलीयों ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में नाम वापस लिया। सूरत में 3 दिनों के दौरान हुआ राजनीतिक घटनाक्रम पढ़िए… 20 अप्रैल: सूरत में कांग्रेस कैंडिडेट नीलेश कुंभाणी के नामांकन पर्चे में गवाहों के हस्ताक्षर में गड़बड़ी थी। DEO सौरभ पारधी ने इस मामले में कुंभाणी से 22 अप्रैल सुबह 11 बजे तक स्पष्टीकरण मांगा था। 21 अप्रैल: कलेक्टर और चुनाव अधिकार के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान फॉर्म पर हस्ताक्षर करने वाले चारों गवाह नदारद थे। इसके चलते चुनाव अधिकारी ने नीलेश कुंभाणी का फॉर्म रद्द कर दिया। 22 अप्रैल: भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित हुए। गुजरात में पहली बार कोई प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हुआ है। 1984 से सूरत सीट पर भाजपा जीत रही है। इस सीट पर तीसरे फेज में 7 मई को वोटिंग होनी थी। मुकेश दलाल के निर्विरोध चुने जाने की पूरी खबर पढ़ें….

Source: DainikBhaskar.com

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